भारत और अमरिकी विदेश मंत्री की हुई चर्चा

फ्लोन पेन्ह – विदेश मंत्री एस.जयशंकर की अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन से चर्चा हुई। इंडोनेशिया में आयोजित ‘जी-२०’ परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहेंगे। वहां पर उनकी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन से द्विपक्षीय चर्चा होने की उम्मीद हैं। इसकी तैयारी के लिए कंबोडिया में भारत और अमरिकी विदेश मंत्री की चर्चा होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। अमरिकी विदेश मंत्री की मुलाकात होने से पहले जयशंकर ने यूक्रेनी विदेश मंत्री से भी चर्चा की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को ही रशिया का दौरा करके रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह से मुलाकात की थी।

इस पृष्ठभूमि पर यूक्रेन युद्ध, जी-२०, ऊर्जा संबंधित समस्या और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिति पर अमरिकी विदेश मंत्री से चर्चा होने की जानकारी जयशंकर ने सोशल मीडिया पर साझा की। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की ‘जी-२०’ में होने वाली मुलाकात की तैयारी दोनों देशों के विदेश मंत्री की चर्चा में होने की संभावना माध्यमों ने जताई हैं। खास तौर पर यूक्रेन युद्ध के बाद भारत और अमरीका के संबंधों में कुछ हद तक तनाव बना होने की स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की इस चर्चा की अहमियत अधिक बढ़ती दिख रही हैं। साथ ही यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए भारत रशिया पर अपना प्रभाव इस्तेमाल कर सकता हैं, इसे ध्यान में रखकर पश्चिमी माध्यम भी इसकी खबरें प्रसिद्ध कर रही हैं। विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्री ब्लिंकन की चर्चा को भी इसी नज़रिये से देखा जा रहा हैं।

पिछले मंगलवार जयशंकर रशिया दौरे पर थे और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तरह ‘यह युद्ध का समय नहीं’, यही संदेश रशिया को दिया था। पश्चिमी माध्यमों ने इसे अहमियत देकर यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत रशिया पर अपना प्रभाव इस्तेमाल कर सकता हैं, ऐसे दावे किए थे। साथ ही भारत के यूक्रेन के साथ भी अच्छे संबंध हैं, इसका दाखिला पश्चिमी माध्यम दे रहे हैं। खास तौर पर अमरिकी माध्यमों ने जयशंकर की रशिया यात्रा में भारत ने दिए संदेश को खास प्रसिद्ध दी थी। इसके बाद अमरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन की भारत यात्रा हुई। इस यात्रा में भी उन्होंने अमरीका को यूक्रेन को लेकर भारत से होनेवाली उम्मीदें व्यक्त करने की चर्चा है।

ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री मोदी और अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की चर्चा को सीर्फ भारत और अमरीका नही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के माध्यमों की नज़रें लगी हैं। भारत और रशिया का सहयोग अमरीका को मंजूर नहीं हैं, फिर भी भारत की अहमियत ध्यान में रखकर अमरीका को समझौता करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं, इस पर विश्लेषद ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इसका प्रभाव भी दोनों नेताओं की मुलाकात पर हो सकता हैं।

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