इम्रान खान पर नकेल कसने के लिए पाकिस्तानी सेना तैयार

इस्लामाबाद – पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने उनपर हुए हमले के मुद्दे पर लगाए आरोप बेबुनियाद और गैरज़िम्मेदाराना हैं, ऐसा कहकर पाकिस्तान की सेना ने यह आरोप ठुकराए हैं। साथ ही इम्रान खान के सार्वजनिक भाषण करने पर पाबंदी लगाने का निर्णय पाकिस्तान की यंत्रणाओं ने करने का वृत्त हैं। इसी बीच प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इम्रान खान पर हुए हमलें की न्यायिक समित के ज़रिये जाँच करने का ऐलान किया। इस वजह से पाकिस्तान की सेना और सरकार मिलकर इम्रान खान पर नकेल कसने की जोरदार तैयारी में होने की बात स्पष्ट दिख रही है।

गुरूवार को इम्रान खान पर हुए हमले की तीव्र गूंज पाकिस्तान में सुनाई दी और खान समर्थकों ने पाकिस्तान को जलाने की बयानबाज़ी शुरू की है। ऐसें में कुछ वरिष्ठ पत्रकार इम्रान खान पर हुआ हमला यानी ‘वॉर्निंग शॉटस्‌‍’ थे या ‘बुस्टर शॉटस्‌‍’, यह सवाल कर रहे हैं। इसके आगे पाकिस्तान की सेना और आयएसआय पर आलोचना करेंगे तो शामत नहीं होगी, ऐसी चेतावनी देने के लिए इम्रान खान पर हमला हुआ होगा, ऐसी संभावना वॉर्निंग शॉटस्‌‍ की कल्पना के पीछे हैं। यह हमला पंजाब प्रांत में हुआ और वहां पर इम्रान खान की पार्टी की सरकार हैं। फिर भी वहां की पुलिस बल ने इम्रान खान को सुरक्षा मुहैया नहीं की होगी, तो यह बात सोचने के लिए मज़बूर करती हैं, ऐसा कहकर यह पत्रकार ‘बुस्टर शॉटस्‌‍’ की संभावना जता रहे हैं। पाकिस्तानी जनता की हमदर्दी पाने के लिए ही इम्रान खान ने यह दिखावा किया होगा, ऐसा अनुमान इसके पीछे हैं।

इस तरह से पाकिस्तान के कुछ लोग इम्रान खान  पर हुए हमले के मुद्दे पर आशंका जता रहे हैं और इसी दौरान पाकिस्तानी सेना के ‘इंटर सर्विसेस पब्लिक रिलेशन्स’ (आईएसपीआर) ने इम्रान खान ने लगाए आरोप ठुकराए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, अंदरुनि सुरक्षा मंत्री राणा सनाउल्लाह और आयएसआ के अधिकारी मेजर जनरल फैजल नसिर इन तीनों ने मिलकर हमपर हमला करने की साज़िश बनाई, ऐसा आरोप इम्रान खान ने लगाया था.

लेकिन, यह आरोप बेबुनियाद और गैरज़िम्मेदाराना हैं, ऐसी आलोचना ‘आईएसपीआर’ ने की। साथ ही आगे के समय में ऐसें आरोप लगाकर और पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणा की बदनामी करके कोई भी बचकर निकल नहीं सकेगा, इसका ध्यान रखा जाएगा, ऐसी कड़ी चेतावनी ‘आईएसपीआर’ ने दी है।

इसका मतलब पाकिस्तान की सेना ने इम्रान खान को अदालत में खिंचने की तैयारी रखी हैं, यह होता हैं, ऐसा कुछ विश्लेषकों का कहना हैं। ऐसें में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने न्यायिकसमिती गठित करके इम्रान खान पर हुए हमले की सच्चाई पाकिस्तानी जनता के सामने लाने का ऐलान किया। खान पर हुए इस हमले के मुद्दे पर पाकिस्तान की सरकार और सेना की भूमिका एक समान होने का दावा सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने किया। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष असिफ अली झरदारी ने यह आरोप लगाया कि, इम्रान खान पाकिस्तान में अराज़कता फैलाने के लिए सभी मर्यादा तोड़ रहे हैं। इम्रान खान देश की सुरक्षा कर रहीं यंत्रणाओं के खिलाफ ज़हर उगल रहे हैं, यह आरोप भी झरदारी ने लगाया।

खान पर ऐसी आलोचना हो रही हैं, तभी पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ॲण्ड रेग्युलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) ने इम्रान खान के भाषणों के प्रसरण पर पाबंदी लगाई हैं। इस निर्णय के पीछे पाकिस्तान की सेना होने का दावा किया जा रहा हैं और इस निर्णय की वजह से इम्रान खान पर नकेल कसने की तैयारी होने की चर्चा भी शुरू हुई हैं।

पाकिस्तान की सेना और सरकार एवं माध्यम गुट इस तरह से इम्रान खान को लक्ष्य कर रहे हैं और तभी दूसरी ओर एक बड़ा वर्ग इम्रान खान के पक्ष में खड़ा हुआ हैं। इससे पाकिस्तान की सेना को झटका लगा हैं और सेनाप्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के रावलपिंडी स्थित निवास के बाहर प्रदर्शन शुरू हुए हैं। साथ ही पेशावर के सैन्य मुख्यालय के सामने भी खान के समर्थकों ने जोरदार नारेबाज़ी की। पाकिस्तान के अन्य शहरों में भी प्रदर्शनकारियों ने धांदली करने के वीडियोज्‌‍ सामने आए हैं। इस वजह से पाकिस्तान में दरार बनी हैं और हमारा देश भयंकर अराज़कता के भंवर में धकेला जा रहा हैं, ऐसा ड़र इस देश के विश्लेषक एवं कुछ पत्रकार व्यक्त कर रहे हैं।

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