वैश्विक महंगाई की वजह से अफ्रीका में भूखमरी का संकट तीव्र हुआ है – ‘आईएमएफ’ के वरिष्ठ अधिकारी की चेतावनी

जोहान्सबर्ग/लंदन – कोरोना का संकट उभरने से पहले अफ्रीका के सब-सहारा क्षेत्र के देशों की ८ करोड़ जनता को पेटभर खाना प्राप्त नहीं हो रहा था। लेकिन, कोरोना का विस्फोट, युक्रेन संघर्ष के कारण शुरू हुई ईंधन की किल्लत और अनाज़ की कमी, इन संकटों के कारण निर्माण हुई वैश्विक महंगाई का भीषण असर सब-सहारा अफ्रीकी देशों पर हुआ है। यहां के १२ करोड़ से भी अधिक लोग भूखमरी के भयंकर संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसी चेतावनी अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के वरिष्ठ अधिकारी ने दिया। कर्ज़े में डूबे अफ्रीकी देशों की यह स्थिति आनेवाले समय में अधिक तीव्र होगी, ऐसी चिंता इन अधिकारियों ने व्यक्त की है।

कुछ घंटे पहले अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने अफ्रीका के ‘रिजनल इकॉनॉमिक आऊटलूक’ की रपट जारी की। सहारा रेगिस्तान के दक्षिणी ओर स्थित ‘सब सहारा’ अफ्रीकी देशों की स्थिति को लेकर इस रपट में ड़र जताया गया है। फिलहाल ये अफ्रीकी देश बड़ी मुश्किलों में जी रहे हैं, ऐसा बयान ‘आईएमएफ’ ने अपनी रपट में किया है। इसके लिए ‘आईएमएफ’ के अफ्रीका विभाग के प्रमुख अबिबी सेलासी ने इन देशों के भूखमरी के संकट का दाखिला दिया।

‘आईएमएफ’ से कर्ज़ पानेवाले अफ्रीकी देश, पहले से ही अनाज़ की किल्लत से जुझ रहे थे। इन देशों की लगभग आठ करोड़ जनता को पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा था। लेकिन यहां की अनाज़ की किल्लत की तीव्रता उतनी खतरनाक नहीं थी। लेकिन, उपरोक्त चार प्रमुख कारणों से ही सब-सहारा अफ्रीकी देशों में भूखमरी का संकट फिलहाल तीव्र हुआ है। इनमें कोरोना का विस्फोट और युक्रेन संघर्ष, पिछले चार सालों से ‘हॉर्न ऑफ अफ्रीका’ में फैला हुआ सुखा, इस क्षेत्र के देशों में बनी अस्थिरता और असुरक्षितता एवं अंगोला-मदागास्कार देशों की आपदाएँ, इन कारणों से सब-सहारा देशों में भूखमरी खतरनाक हुई है, ऐसा सेलासी ने कहा।

इस वजह से सब-सहारा देशों की कुल जनसंख्या में से १२ प्रतिशत यानी १२.३० करोड़ से भी अधिक लोग भूखमरी के भयंकर संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसा इशारा अबिबि ने दिया। इस कारण, कोरोना के बाद इन अफ्रीकी देशों में भूखमरी से जूझनेवालों की संख्या ५० प्रतिशत बढ़ी, ऐसा दावा अबिबी ने किया। सब-सहारा अफ्रीका के इथियोपिया, सोमालिया, केनिया, डीआर कांगो, साऊथ सुड़ान में भूखमरी का संकट तीव हो रहा है, इसपर भी अबिबी ने ध्यान आकर्षित किया। इनमें से सोमालिया पर बड़ा संकट टूटेगा, यह चेतावनी अबिबी ने दी।

साल २०२० से विश्व में ईंधन और खाद की कीमतें बढ़कर तिगुनी से भी अधिक हुई हैं और अफ्रीकी देशों को इसकी आँच बर्दाश्त करनी पड़ रही है। इसी में कोरोना, युक्रेन संघर्ष, ईंधन की कमी से उभरी महंगाई इन वजहों से इन अफ्रीकी देशों के सेंट्रल बैंकों के सामने ब्याजदर बढ़ाने की बड़ी चुनौती होने की बात अबिबी ने दर्ज़ की। नाइजीरिया, घाना, इथियोपिया, मलावी और झिम्बाब्वे ये देश ब्याजदरों में बड़ी बढ़ोतरी करने के लिए मज़बूर होंगे। ऐसा करने पर इन देशों में महंगाई का भारी उछाल होगा और भूखमरी का संकट अधिक ही तीव्र होगा, इसपर भी अबिबी ने ध्यान आकर्षित किया।

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