पाकिस्तान से प्रत्यक्ष युद्ध भारत ने जीता, अप्रत्यक्ष युद्ध भी भारत ही जितेगा – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – ‘वर्ष १९७१ में हुए युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को धूल चखाई| पाकिस्तान की इस युद्ध में बुरी हार हुई थी| इस युद्ध ने दक्षिण एशिया का इतिहास और भूगोल बदल दिया| पाकिस्तान के साथ हुए प्रत्यक्ष युद्ध में भारत ने विजय हासिल की, वैसी ही विजय इस देश द्वारा शुरू किए गए छुपे युद्ध में भी भारत ही विजय हासिल करेगा, यह वादा हम करते हैं| आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की दिशा में काम आरंभ हुआ है’, इन शब्दों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को नया इशारा दिया|

बांगलादेश मुक्ति संग्राम के दौरान ३ दिसंबर, १९७१ के दिन भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यक्ष युद्ध शुरू हुआ और १६ दिसंबर के दिन बांगलादेश की स्वतंत्रता से यह युद्ध खत्म हुआ| मात्र १३ दिनों में पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने घुटने टेके| वर्ष १९७१ के इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान पर बड़ी विजय पाई और बांगलादेश की स्थापना के ५० वर्ष पूर्ण हो रहे हैं| इस अवसर पर ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ मनाया जा रहा है और रविवार से दिल्ली के इंडिया गेट पर अलग-अलग कार्यक्रमों की शुरूआत हुई|

पाकिस्तान से प्रत्यक्ष युद्ध भारत ने जीता, अप्रत्यक्ष युद्ध भी भारत ही जितेगा - रक्षामंत्री राजनाथ सिंहइस विजय पर्व का रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के हाथों उद्घाटन किया गया| इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैनिकों के बलिदान का कृतज्ञतापूर्वक स्मरण किया| यह पर्व बड़े उत्साह से मनाने की इच्छा थी| लेकिन, हेलीकॉप्टर हादसे में रक्षाबलप्रमुख जनरल बिपीन रावत, उनकी पत्नी और ११ अफ़सरों की मौत के बाद यह समारोह सादगी से मनाने का निर्णय किया गया| ‘विजय पर्व’ का उद्घाटन करते समय हमें जनरल रावत की याद आ रही है, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा|

पाकिस्तान ने उस समय के पूर्व पाकिस्तान की जनता पर किए अत्याचारों का ज़िक्र राजनाथ सिंह ने किया| ‘अपनी कला, संस्कृति और भाषा की सुरक्षा की मॉंग कर रहे और सरकार में उचित प्रतिनिधित्व की मॉंग करनेवाले बंगाली बांधवों का क्या दोष था? यह सवाल राजनाथ सिंह ने किया| बंगाली बांधवों पर हुआ अत्याचार, छल अमानवी था| ऐसे में पूर्व पाकिस्तान की जनता को अन्याय और शोषण से मुक्ति दिलाना भारत का राजधर्म, राष्ट्रधर्म और सैन्यधर्म था’, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा|

पाकिस्तान को भारत के साथ प्रत्यक्ष युद्ध में कभी भी विजय प्राप्त नहीं हुई और छुपे युद्ध में भी उसका पराभव और भारत की जीत तय है, ऐसा रक्षामंत्री ने इस दौरान ड़टकर कहा| इस अवसर पर बोलते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के भारत द्वेष की कड़ी निंदा की|

भारत को पाकिस्तान से लगातार युद्ध की धमकियॉं मिलती हैं| पाकिस्तान अपने मिसाइलों को दे रहे नामों से वह किस बड़े हद तक भारत के द्वेष से भरा है, यह स्पष्ट होता है| घोरी, गज़नवी, अब्दाली इन भारत पर हमला करनेवालों के नाम पाकिस्तान ने अपने मिसाइलों को दिए हैं| भौगोलिक नज़रिए का विचार करें तो इन आक्रांताओं ने मौजूदा पाकिस्तान पर भी हमले किए थे, यह पाकिस्तान को किसी ने बताना होगा, ऐसा तमाचा रक्षामंत्री ने पाकिस्तान को जड़ा|

बांगलादेश में लोकतंत्र स्थापित करने में भारत का बड़ा योगदान है| बीते ५० वर्षों के दौरान बांगलादेश विकास की राह पर प्रगति कर रहा है और यह अन्य देशों के लिए प्रेरणादायी उदाहरण है, ऐसा कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए बांगलादेश की सराहना की|

जनरल बिपीन रावत का अंतिम संदेश

इंडिया गेट पर शुरू हुए ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ कार्यक्रम के दौरान जनरल बिपीन रावत का पहले रेकार्ड किया हुआ संदेश जारी किया गया| हेलीकॉप्टर का हादसा होने से एक दिन पहले मंगलवार के दिन उन्होंने ‘स्वर्णिम विजय पर्व’ के अवसर को ध्यान में रखते हुए सैनिकों के लिए यह संदेश ध्वनिमुद्रीत किया था|

‘स्वर्णिम विजय पर्व’ के अवसर पर हम भारतीय सैनिकों का अभिनंदन करते हैं| अपने प्राणों की आहुति देनेवाले सैनिकों को हम श्रद्धांजलि देते हैं| शहीदों की याद के लिए स्थापित ‘अमर जवान ज्योति’ की छाया में यह विजय पर्व मनाया जा रहा है| हम सभी देशवासियों को इस विजय पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं’, यह संदेश जनरल रावत ने दिया था| ‘अपनी सेनाओं पर है हमें गर्व है| आओ मिलकर मनाएँ विजय पर्व|’, यही जनरल रावत के आखरी शब्द हैं|

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