चीन के हमले का जवाब देने के लिए ताइवान ने तायचुंग बंदरगाह में किए ‘एंटी शिप मिसाइल्स’ तैनात

ताइपे/बीजिंग – ताइवान पर हमले करने की धमकियाँ चीन लगातार दे रहा है और ताइवान ने इस पर जवाब देने की जोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। ताइवान के अहम ‘तायचुंग बेस’ नामक रक्षा अड्डे पर ‘एंटी शिप मिसाइल्स’ तैनात किए होने की जानकारी ताइवान की नौसेना ने साझा की। चीन की ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ताइवान विरोधी युद्ध में पहला हमला तायचुंग बंदरगाह पर करेगी, यह इशारा अमरिकी अध्ययन मंड़ल ने कुछ ही दिन पहले दिया था। इस पृष्ठभूमि पर यह तैनाती अहमियत रखती है।

ताइवान की ‘यूडीएन’ नामक वेबसाइट ने नए मिसाइलों की तैनाती की जानकारी सार्वजनिक की है। इसके अनुसार तायचुंग के नौसेना अड्डे पर ‘सिऊंग फेंग ३’ मिसाइल तैनात किए गए हैं। ‘सिऊंग फेंग ३’ मध्यम दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल है और इसकी मारक क्षमता तकरीबन ४०० किलोमीटर बताई जाती है। ताइवान के सूत्रों ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार इस मिसाइल की मारक क्षमता डेढ़ हज़ार किलोमीटर तक बढ़ाना संभव है।

यह मिसाइल युद्धपोत पर भी तैनात करना संभव है। ताइवान ने इससे पहले कुछ विध्वंसक एवं गनबोटस्‌ पर मिसाइल तैनात किए होने की जानकारी साझा की गई है। स्वदेशी निर्माण के इन मिसाइलों का उत्पादन बढ़ाने के आदेश ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई र्इंद-वेन ने दिए थे। ताइवान की समुद्री सीमा की सुरक्षा बढ़ाने की मंशा से यह आदेश जारी करने का बयान र्इंग-वेन ने किया था। तायचुंग अड्डे पर तैनाती के बाद ताइवान के छह विध्वंसकों पर ‘सी स्वर्ड २’ नामक ‘एअर डिफेन्स मिसाईल’ तैनात करने के संकेत भी दिए गए हैं।

अमरिकी अध्ययन मंड़ल ‘प्रोजेक्ट २०४९’ ने ‘होस्टाईल हार्बर्स – ताइवान्स पोर्टस्‌ ऐण्ड पीएलए इन्वेशन प्लैन्स’ नामक रपट कुछ दिन पहले प्रसिद्ध की थी। इसमें चीन द्वारा ताइवान विरोधी युद्ध में अहम बंदरगाहों को लक्ष्य किया जाएगा, यह इशारा दिया गया था। तायचुंग बंदरगाह ताइवान का दूसरे स्थान का बड़ा बंदरगाह है और चीन के रक्षाबलों के ‘एम्फिबियस वॉरफेअर’ के लिए अहम स्थान साबित हो सकता है, ऐसा इशारा भी इस रपट में दिया गया था। तायचुंग के साथ ही काओहसिउंग और अन्पिंग बंदरगाह भी चीन के हमलों का प्राथमिक लक्ष्य बन सकते हैं, ऐसा अमरिकी अभ्यासगुट ने कहा था।

कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा और चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने बीते महीने ताइवान के विलय के मुद्दे पर आक्रामक शब्दों में इशारा दिया था। ताइवान का मुद्दा चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत कभी भी नहीं छोड़ेगी, यह इशारा जिनपिंग ने दिया था। जिनपिंग के इस इशारे के बाद चीन ने ताइवान की खाड़ी के अलावा ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र में डेढ़ सौ ‘स्टेल्थ’ लड़ाकू विमानों की तैनाती करने की बात सामने आयी थी। चीन के रक्षाबलों ने ताइवान के क्षेत्र में अपनी गतिविधियाँ भी बढ़ाई हैं और युद्धपोत, पनडुब्बियाँ एवं लड़ाकू विमान लगातार प्रवेश कर रहे हैं। चीन ने ताइवान पर हमला करने की रिहर्सल के तौर पर ‘साउथ चायना सी’ में युद्धाभ्यास करने की बात भी सामने आयी है।

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