अंतरिक्ष का सैन्यीकरण करके चीन ने की अमरीका का स्थान हथियाने की तैयारी – अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा का इशारा

वॉशिंग्टन – अंतरिक्ष में स्थित अमरीका और मित्रदेशों के हित सुरक्षित नहीं हैं। क्योंकि, चीन अंतरिक्ष का सैन्यीकरण कर रहा हैं और अब तक अंतरिक्ष से संबंधित तकनीक में शीर्ष स्थान पर बनी अमरीका का स्थान हथियाने की तैयारी कर रहा है। ऐसा हुआ तो अपने मिसाइलों का इस्तेमाल करके चीन अमरीका और मित्रदेशों के उपग्रहों को लक्ष्य करेगा, ऐसा इशारा अमरिकी गुप्तचर संस्था ने दिया है। शीतयुद्ध के दौर में रशिया से अमरीका को जितना खतरा था उससे अधिक खतरा चीन से है, ऐसा इशारा ‘सीआयए’ के संचालक विल्यम बर्न्स ने दिया है।

अमरीका के ‘ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नैशनल इंटेलिजन्स’ की रपट बीते हफ्ते प्रसिद्ध हुई थी। इस रपट में अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने चीन संबंधित इशारा बीते कुछ दिनों से माध्यमों की चर्चा का विषय बना हुआ है। अंतरिक्ष का सैन्यीकरण करना चीन के पिपल्स लिबरेशन आर्मी की योजना होने की बात इस रपट में दर्ज़ है। अंतरिक्ष से संबंधित तकनीक के क्षेत्र में अमरीका ने प्राप्त किए वर्चस्व को चुनौती देना और अमरीका पर बढ़त प्राप्त करना चीन की योजना का एक हिस्सा होने की बात इस रपट में कही गई है।

इसके लिए चीन ने उपग्रह विरोधी मिसाइल और लेज़र्स का परीक्षण करने की याद भी इस रपट में ताज़ा की गई है। लेज़र्स की सहायता से अमरिकी उपग्रहों के ऑप्टिकल सेंसर्स नाकाम करना या नष्ट करना संभव होगा, ऐसा इशारा अमरिकी गुप्तचर संस्था ने दिया है। इसके अलावा वर्ष २०२२ से २०२४ के दौरान चीन पृथ्वी की कक्षा में स्पेस स्टेशन का भी निर्माण करेगा। इस स्पेस स्टेशन का इस्तेमाल भी अंतरिक्ष के सैन्यीकरण और अमरीका का प्रभाव कम करने के लिए हो सकता है। अमरीका को लष्करी स्तर पर कमज़ोर करने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की योजना में यह स्पेस स्टेशन अहम साबित हो सकता है, ऐसा इशारा अमरिकी गुप्तचर संस्था ने दिया है।

इसके अलावा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने चीन का प्रभाव बढ़ाने के लिए अमरीका और अमरीका के मित्र एवं सहयोगी देशों के बीच मतभेद निर्माण करने की योजना भी बनाई है। ऐसा होने पर चीन की तानाशाही व्यवस्था के लिए अनुकूल नए अंतरराष्ट्रीय निकष तैयार किए जाएंगे, ऐसी चेतावनी अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ने दी है।

इसके अलावा अमरीका की प्रमुख गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने कांग्रेस की समिती के सामने दिए बयान में चीन से अमरीका को खतरों का अहसास कराया। ‘अमरीका के लिए चीन २१वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। शीतयुद्ध के दौर में सोवियत रशिया से अमरीका के सामने जो खतरा निर्माण हुआ था, उससे कई गुना अधिक खतरा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से है। इसमें लष्करी खतरों से वैचारिक, आर्थिक, प्रौद्योगिकी क्षेत्र से संबंधित खतरों का भी समावेश है’, यह बात बर्न्स ने स्पष्ट की।

इसी बीच, अमरीका की गुप्तचर यंत्रणा चीन से अपने देश के लिए खतरा रेखांकित कर रही है। लेकिन, अमरीका का बायडेन प्रशासन अब भी चीन के खिलाफ सख्त भूमिका अपनाने के लिए तैयार नहीं है, ऐसी गंभीर आलोचना बायडेन के विरोधी कर रहे हैं।

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