रशिया के सोने की अरक्षित जमा १,७१६ टन पर अमरीकी डॉलर का प्रभाव कम करने की योजना का भाग

मॉस्को: रशिया के केंद्रीय बैंक ने पिछले दशक से लगभग १,२५० टन से अधिक सोने की खरीदारी करने की जानकारी सामने आयी है। ‘वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल’ ने हाल ही मे प्रसिद्ध की एक अहवाल के अनुसार फिलहाल रशिया के पास आरक्षित सोने की जमा पूंजी १,७१६ टन पर गई है। भारत, तुर्की और मेक्सिको इन प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के पास होनेवाले सोने की एकत्रित जमा पूंजी से अधिक रशिया के पास होकर यह दुनिया का छठवां क्रमांक का देश हो गया है।

अधिक सोने की खरीदारी

रशिया की बढ़ते सोने की खरीदारी के पीछे अमरीकी डॉलर का प्रभाव कम करने की नीति होने की बात मानी जा रही है।

ब्लादिमीर पुतिन ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पद के सूत्र स्वीकारने के बाद सोने की खरीदारी पर जोर देना शुरु किया है। पिछले दशक से इस प्रयत्न को अधिक गति मिलने की बात ‘वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल’ के अहवाल मे सामने आया है। रशिया मे केंद्रीय बैंक से सोने की खरीदारी विविध स्तर पर बढ़ाकर सन २०१५ और २०१६ मे प्रति वर्ष २०० टन से अधिक सोने की खरीदारी हुई है।

फिलहाल रशिया के पास ४२७ अब्ज डॉलर की आरक्षित विदेशी निधि है। सोने की लगातार खरीदारी से विदेशी आरक्षित निधि मे सोने का हिस्सा बढ़ रहा है। फिलहाल विदेशी आरक्षित निधि मे सोने का हिस्सा १७ प्रतिशत पर गया है और रशियन अर्थव्यवस्था का यह उच्चतम स्तर माना जा रहा है। रशियन बैंक से सोने की खरीदारी बढ़ रही है और देश के अंतर्गत उत्पादन पर भी बढ़त होने की बात सामने आयी है।

पिछले दशक से रशिया मे २००० टन से अधिक सोने का उत्पादन हुआ है। इस वर्ष देश के अंतर्गत सोने का उत्पादन ३०० टन के ऊपर जाने के संकेत मिल रहे है। सन २०३० तक रशिया मे सोने का उत्पादन ४०० टन तक जाएगा ऐसा भी कहा जा रहा है। रशिया की केंद्रीय बैंक से सोने की खरीदारी मे देश के अंतर्गत सोने का बड़ा हिस्सा होने के बाद उजागर हुई है।

पाश्चात्य देशों ने जारी किए प्रतिबंध के बाद रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने लगातार अमरीकी डॉलर व्यवहार से कम करने के संकेत दिए है। सोने के भंडार मे होनेवाली बढ़त इस दिशा मे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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