डोकलाम विवाद की पृष्ठभूमि पर भारत और भूतान के विदेश मंत्रियों की चर्चा संपन्न

काठमांडू: नेपाल की राजधानी काठमांडू में चल रही ‘बिम्सटेक’ परिषद की पृष्ठभूमि पर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भूतान के विदेश मंत्री दामचो दोरजी में चर्चा हुई। भूतान की हद में आने वाले डोकलाम इलाके में चीन के सैनिकों के अतिक्रमण के बाद और उसे विरोध करने के लिए भारत ने सेना तैनात करने के बाद, भारत और भूतान के विदेश मंत्रियों की यह पहली ही भेंट है। इस लिए इस भेंट का महत्व बढ़ गया है। इस भेंट में भूतान के विदेश मंत्री ने ‘डोकलाम’ विवाद शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाएँ, ऐसी अपेक्षा व्यक्त की है।

भारत और भूतानभारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, म्यानमार, थाईलैंड, भूतान इन देशों के सहभाग वाली ‘बिम्सटेक’ में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरुवार को नेपाल में दाखिल हुईं थी। इस परिषद् की पृष्ठभूमि पर सुषमा स्वराज की भूतान के विदेश मंत्री के साथ चर्चा हुई। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच की इस चर्चा का महत्व बढ़ गया है। भूतान की मदद के लिए भारत ने डोकलाम में सेना तैनात की है, लेकिन भारत को भूतान का सार्वभौमत्व मान्य नहीं है, ऐसा आरोप चीन की ओर से किया जा रहा है। साथ ही डोकलाम में भारत लश्करी हस्तक्षेप करे, ऐसी भूतान ने माँग कि थी क्या? ऐसा सवाल चीनी विश्लेषक कर रहे हैं।

डोकलाम चीन का इलाका है, इस बात को भूतान ने मान्य किया है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीयों ने जाहिर किया था। लेकिन भूतान ने इस बात का विरोध करते हुए कहा है कि डोकलाम भूतान का ही इलाका है। साथ ही अपने इलाके में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को नहीं स्वीकार किया जाएगा, ऐसा भूतान ने रवैया अपनाया है। इस पृष्ठभूमि पर सुषमा स्वराज की भूतान के विदेश मंत्री के साथ चर्चा हुई। इस चर्चा में द्विपक्षीय सहकार्य का मुद्दा अग्रक्रम में था। साथ ही ‘डोकलाम’ विवाद शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए, ऐसी अपेक्षा दोरजी ने व्यक्त करने की खबरें प्रसिद्ध हुई हैं। लेकिन भारत ने अधिकृत स्तर पर इस भेंट मुलाकात का तपशील प्रसारित नहीं किया है।

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