भारत और अमरीका को चीन से एक जैसा खतरा – अमरीका के इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख का दावा

वॉशिंग्टन – भारत और अमरीका को चीन से एक समान खतरा होने का दावा अमरीका के ‘इंडो-पैसिफिक कमांड’ के प्रमुख एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने किया है। इसी वजह से भारत के साथ अपनी भागीदारी को अमरीका विशेष अहमियत दे रही हैं और यह भागीदार अधिक से अधिक विकसित करने के लिए हम दिन रात काम कर रहे हैं, ऐसा दावा एडमिरल एक्विलिनो ने किया। उनके यह दावे प्रसिद्ध होने के साथ ही अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के व्हाईट हाऊस प्रवक्ता ने यह कहा है कि, हमारा देश भारत के साथ आर्थिक विकास करने के लिए एवं द्विपक्षीय सहयोग व्यापक करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अमरीका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने यह बयान किया है कि, हमारा देश चीन से अच्छे संबंधों की उम्मीद रखता है। अमरिकी वित्त मंत्री ने गुरुवार को जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में किए अपने भाषण में चीन के ताल्लुकातों को अहम बताया। बायडेन प्रशासन भी हर मुमकिन तरह से चीन को व्यापारी एवं अन्य सहुलियत देने की कोशिश में होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। स्वयं राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और उनका बेटा हंटर बायडेन ने चीन से रिश्वत स्वीकार की है, ऐसी तीखी आलोचना विरोधी पक्ष नेता एवं पत्रकार कर रहे हैं। लेकिन, बायडेन प्रशासन की चीन संबंधित भूमिका पर इस तरह से सवाल किए जा रहे है और इसी दौरान अमरीका के इंडो-पैसिफिक कमांड ने भारत का सहयोग अहम होने की बात लगातार स्पष्ट की थी।

अमरीका के ज़िम्मेदार नेता, मौजूदा एवं पूर्व सेना अधिकारी, कुटनीतिक चीन का खतरा लगातार रेखांकित कर रहे हैं और साथ ही अमरीका-भारत संबंधों की अहमिय समझाने की कोशिश कर रहे हैं। एडमिरल एक्विलिनो ने भी भारत और अमरीका को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन से एक समान रक्षा संबंधित चुनौती हो सकती है, इसका अहसास कराया। विश्व के सबसे बड़े जनतंत्र भारत और अमरीका समान मुल्यों पर विश्वास करते है। भारत और अमरिकी नागरिकों का एक-दूसरे से बेहतर संवाद और समन्वय बनाए हैं, ऐसा एडमिरल एक्विलिनो ने कहा।

इसी बीच व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जीन पेरी ने भी ‘क्वाड’ के माध्यम से भारत और अमरीका का सहयोग जारी होने का दावा किया। दोनों देशों की आर्थिक प्रगति और विकास के लिए एवं सहयोग बढ़ाने के लिए अमरीका प्रतिबद्ध होने का ादवा जीन पेरी ने किया। चीन को पीछे छोड़कर अमरीका अब भारत का सबसे बड़ा व्यापारी भागीदार देश बना है। इस पृष्ठभूमि पर व्हाईट हाउस से हो रहे बयान ध्यान आकर्षित करते हैं। बायडेन प्रशासन ने इस तरह से बयान करके पहले भी भारत को खूश किया है, फिर भी चीन विरोधी गठबंधन को लेकर बायडेन प्रशासन ज्यादा गंभीर ना होने की बात कई बार स्पष्ट हुई थी।

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