फिनलैण्ड ने रशियन सीमा पर बाड़ लगाना शुरू किया

हेलसिंकी/मास्को – पिछले महीने नाटो के ३१ वें सदस्य बने फिनलैण्ड ने रशियन सीमा पर तार की बाड़ लगाना शुरू किया है। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर फिनलैण्ड के पूर्व प्रधानमंत्री सना मरिन ने रशियन सीमा के ‘बॉर्डर फेन्सिंग प्रोजेक्ट’ को मंजूरी दी। सरहदी क्षेत्र में रशिया की गतिविधियों पर रोक लगाना और शरणार्थियों की गतिविधियों पर नज़र रखने की मंशा होने की बात फिनलैण्ड की यंत्रणा ने स्पष्ट की।

रशिया और फिनलैण्ड के बीच कुल १,३०० किलोमीटर लंबी सीमा है। यूरोप और आर्क्टिक दोनों महाद्वीपों में फैली इस सरहद की वजह से फिनलैण्ड रशियन सीमा से जुड़ा हुआ सबसे बड़ा यूरोपिय देश है। इससे पहले यूरोप के ‘रिफ्युजी क्राईसिस’ के दौरान रशिया ने फिनलैण्ड की सीमा पर मौजूद सुरक्षा कुछ हद तक शिथिल की थी। इससे एशिया और खाड़ी देशों से आने वाले शरणार्थियों ने बडे पैमाने पर फिनलैण्ड में प्रवेश किया था।

फिनलैण्ड की भूतपूर्व सरकार ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से चर्चा करके शरणार्थियों की घुसपैठ का हल निकाला था। लेकिन, रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर फिनलैण्ड ने नाटो का हिस्सा होने का निर्णय लेने पर दोनों देशों के संबंध काफी बिगड़ चुके हैं। रशिया ने फिनलैण्ड की सीमा पर अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसमें आर्क्टिक क्षेत्र की तैनाती का भी समवेश है।

रशिया की इस आक्रामकता के कारण फिनलैण्ड में चिंता का माहौल है और सीमा पर कुछ गड़बड़ी न हो, इसलिए तार की बाड़ लगाने जैसे प्रावधान किए जा रहे हैं। रशिया-फिनलैण्ड के बीच १,३०० किलोमीटर के सरहदी क्षेत्र में से २०० किलोमीटर के क्षेत्र में बाड़ एव ‘सर्विलन्स कैमेरे’ लगाए जा रहे हैं। दोनों देशों की सीमा पर स्थित ‘एन्ट्री पॉईंटस्‌‍’ और उसके करीबी क्षेत्र का चयन इस काम के लिए किया गया है। इसके पहले चरण की शुरूआत हो चुकी है और जून के अन्त तक तीन किलोमीटर बाड़ लगाने का काम पूरा होगा, ऐसा फिनलैण्ड की यंत्रणा ने कहा है।

रशिया-फिनलैण्ड की सीमा पर लगाई जा रही बाड़ के लिए लगभग ३८ करोड़ यूरोस का प्रावधान किया गया है और वर्ष २०२६ तक यह काम पूरा हो जाएगा, ऐसा दावा सरकार कर रही है।

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