सही समय पर सुधार नहीं हुए तो ईरान में गृहयुद्ध शुरू होकर रक्तपात होगा – ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष की चेतावनी

तेहरान – ईरान की हुकूमत ने प्रदर्शनकारियों की मांग स्वीकारकर देश की व्यवस्था में सुधार नहीं किए हैं। देश में स्थापित धार्मिक नेताओं की हुकूमत खारीज करके पूरी स्वतंत्रता बहाल नहीं की तो ईरान में गृहयुद्ध छिड़ जाएगा और रक्तपात होगा, ऐसी चेतावनी ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मोहम्मद खातामी ने दी। ऐसे में पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी और पूर्व प्रधानमंत्री मिर हुसेन मुसावी ने अपने देश को सुधार की नहीं बल्कि, सार्वमत की आवश्यकता होने का आवाहन किया है। इसी बीच ईरान की जनता भी हुकूमत के खिलाफ होने की बात यूरोपिय देशों के सर्वेक्षण से सामने आ रही है।

पिछले साढे चार महीनों से ईरान में हुकूमत के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं। हिजाब सख्ति के विरोध के कारण शुरू हुए इन प्रदर्शनों से अब ईरान की हुकूमत बदलने की मांग होने लगी है। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के विनाश के नारे लगाए जा रहे हैं। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ की कार्रवाई की परवाह किए बिना ईरान की जनता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है, ऐसे वीडियोज्‌‍ और फोटों से पता चल रहा है। इनमें ईरान के आम लोगों के साथ धनिक लोगों का भी समावेश है।

ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ और इससे जुडे संगठन इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। कुछ घटनाओं में ईरान की सुरक्षा यंत्रणाओं ने युवा महिला प्रदर्शनकारियों की आंख में गोली दागने के दावे अंतरराष्ट्रीय संगठन कर रहा है। इस दौरान रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने छह साल के बच्चे पर भी कार्रवाई करने की खबर पहले ही प्रसिद्ध हुई थी। ईरान की हुकूमत की बागड़ोर संभाल रही आयातुल्ला खामेनी की हुकूमत और रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ की इस कार्रवाई के खिलाफ ईरान की जनता का असंतोष अब चरम स्तर पर पहुँच चुका है, इसका अहसास इस देश के नेता करा रहे हैं।

ईरान को सुधार की ज़रूरत है और खामेनी की हुकूमत प्रदर्शनकारियों की मांग स्वीकारे और देश की राजनीतिक व्यवस्था में भी सुधार करे, ऐसा सुझाव पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सुधारवादी नेता मोहम्मद खातामी ने दिया है। साथ ही ईरान फिलहाल हर तरह के संकट का मुकाबला कर रहा है और इसके लिए स्वयं ईरान ही ज़िम्मेदार है, ऐसा सख्त बयान खातामी ने किया। इसके लिए देश के संविधान में बदलाव किए जाएं, वरना ईरान के शत्रु इस स्थिति का लाभ उठाएंगे, यह दावा भी खातामी ने किया।

अपने ही देश की जनता को शत्रु मानकर ईरान की हुकूमत यहां की अस्थिरता बढ़ा रही है। खामेनी ने प्रदर्शनकारियों को शत्रु करार देने से ईरान की जनता के लिए अमरीका, यूरोप या इस्रायल शत्रु नहीं रहे और खामेनी की हुकूमत ही उनकी शत्रु बन रही है, इसका अहसास खातामी ने कराया। यही रवैया कायम रहा तो ईरान की हुकूमत टूट गिरेगी। इसकी वजह से अपनी जनता को आज़ादी बहाल करें, वरना ईरान में धांधली फैलेगी, गृहयुद्ध छिड़ेगा और भीषण रक्तपात भी होगा, ऐसी चेतावनी पूर्व राष्ट्राध्यक्ष खातामी ने दी।

ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी, पूर्व प्रधानमंत्री मिर हुसेन मुसावी एवं प्रमुख विरोधी नेता देश को सुधार की नहीं बल्कि सार्वमत की ज़रूरत होने की मांग कर रहे हैं। मुसावी ने ईरान की हुकूमत का तख्ता पलटने की प्रदर्शनकारियों की मांग का समर्थन किया है। ईरान में प्रमुख नेताओं का बढ़ता विरोध खामेनी की हुकूमत के लिए चुनौती साबित हो रहा है।

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