परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ईरान पर भरोसा नहीं कर सकते – अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी की फटकार

वॉशिंग्टन/तेहरान – ईरान ने फोर्दो परमाणु प्रकल्प में रखे हुए सेंट्रीफ्यूजेस और युरेनियम संवर्धन में बड़े बदलाव किए हैं। इसी बीच ईरान ने इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु आयोग को भी अंधेरे में रखा है। इसकी वजह से परमाणु कार्यक्रम को लेकर पश्चिमी देशों को विश्वास दिलाने वाले ईरान पर विश्वास करना संभव नहीं है, ऐसी फटकार अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी के संयुक्त निवेदन में लगाई गई है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग द्वारा इस मुद्दे पर बनाई गई रपट ईरान ने खारिज की है। लेकिन, अमरीका और यूरोपिय मित्रदेशों ने इस रपट को अहमियत देकर ईरान को लक्ष्य किया है। अमरीका और फ्रान्स के नेताओं की इस्रायली प्रधानमंत्री से हुई मुलाकात के बाद पश्चिमी देशों ने ईरान संबंधी यह निवेदन जारी किया है।

ईराने ने पहाड़ में सुरंग बनाकर फोर्दो परमाणु प्रकल्प स्थापित किया है। यह प्रकल्प अंतरराष्ट्रीय आलोचना का विषय बना है। परमाणु बम बनाने की कोशिश में ईरान ने इसी प्रकल्प में खुफिया हरकतें शुरू की हैं, यह आरोप इस्रायल ने काफी पहले लगाया था। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने भी इस परमाणु प्रकल्प में युरेनियम संवर्धन की मात्रा पर आशंका जताई थी। इस प्रकल्प का युरेनियम संवर्धन ईरान को परमाणु बम बनाने के करीब ले जा रहा है, यह दावा परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने किया था।

इसकी वजह से गुस्सा हुए ईरान ने आयोग के निरीक्षकों के लिए इस प्रकल्प के दरवाज़े बंद किए थे। लेकिन, ईरान के इस निर्णय ने फोर्दो परमाणु प्रकल्प को लेकर जताई जा रही आशंका बढ़ाई है, ऐसी आलोचना आयोग के अधिकारी व्यक्त कर रहे थे। कुछ हफ्ते पहले ईरान ने आयोग के निरीक्षकों की पाबंदी हटाई तो फोर्दो परमाणु प्रकल्प की पारदर्शिता बढ़ेगी, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा था। लेकिन, २१ जनवरी को अंतरराष्ट्रीय परमाणु आयोग के निरीक्षकों ने यकायक फोर्दो प्रकल्प की यात्रा करके वहां के परमाणु कार्यक्रम का जायजा लिया। इस दौरान वर्णित प्रकल्प में चौंकानेवाले बदलाव किए जाने का दावा आयोग ने अपनी नई रपट में किया है।

फोर्दो प्रकल्प में सेंट्रिफ्यूजेस के दो नए कैस्केड लगाए गए थे। साथ ही इस कैस्केड की रचना काफी अलग तरीके से की गई थी। ईरान ने वादा किया था इस तरह के नए कैस्केड की रचना न होने का आरोप आयोग ने अपनी रपट में लगाया है। फोर्दो परमाणु प्रकल्प में स्थित सेंट्रीफ्यूजेस ६० प्रतिशत शुद्धता का संवर्धित युरेनियम बना रहा है, ऐसा आयोग ने अपनी रपट में कहा है। इसकी वजह से ईरान फोर्दो परमाणु प्रकल्प की गतिविधियों के प्रति आयोग को अंधेरे में रखा रहा है, ऐसी आलोचना शुरू हुई थी।

ईरान ने आयोग के यह आरोप ठुकराए हैं। आयोग ने बिल्कुल अव्यावसायिक रूप से इस रपट में गलत जानकारी दी है, ऐसा ईरान ने कहा है। लेकिन, इस रपट का संज्ञान लेकर अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने ईरान को फटकार लगाई है। फोर्दो परमाणु प्रकल्प में रखे गए सेंट्रिफ्यूजेस की रचना और युरेनियम संवर्धन में बदलाव करके तथा इससे अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा आयोग को अंधेरे में रखने वाले ईरान ने परमाणु अप्रसार मौके का उल्लंघन किया है, इसकी वजह से अब परमाणु ज़िम्मेदारारी के संदर्भ में ईरान पर विश्वास नहीं किया जा सकता, ऐसी आलोचना पश्चिमी देशों ने संयुक्त निवेदन में की है।

इसी बीच, अमरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने इस्रायल का दौरा करके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू से मुलाकात की। ईरान के खतरे के विरोध में अमरीका और इस्रायल की सहमति होने का ऐलान किया था। दो दिन पहले प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने फ्रान्स का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन से ईरान मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान भी ईरान के खतरे का जिक्र किया गया था। इसके बाद पश्चिमी देशों ने ईरान के खिलाफ यह ऐलान किया है, इस पर अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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