यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के मुद्दे पर अमरीका और नाटो में मतभेद

वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स – यूक्रेन की भूमि पर कब्ज़ा करने के बाद रशिया को आज़ाद नहीं छोड़ सकते, ऐसी धमकी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दी। इसी दौरान यूक्रेन के चार प्रांतों को अपने देश का हिस्सा बनाकर रशिया ने इस युद्ध के बाद की हुई सबसे बड़ी गलती है, ऐसी चेतावनी नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने दी। लेकिन, यूक्रेन को नाटो में शामिल करके क्या रशिया को प्रत्युत्तर देंगे, इस पर बोलने से अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष और नाटो के प्रमुख भी दूर रहे हैं। अमरीका की संसद में इस पर सहमति ना होने की बात अमरिकी संसद की सभापित नैन्ससी पेलोसी ने कही। इसी दौरान अमरीका के ज्येष्ठ कूटनीतिक हेन्री किसंगजर ने यूक्रेन को नाटो में शामिल करना समझदारी नहीं होगी, ऐसा सूचक बयान किया है।

नाटो देशों हर इंच जमीन की रक्षा की जाएगी, यह ऐलान अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया। साथ ही यूक्रेन के चारों प्रांत रशिया को जोड़ने के निर्णय को मंजूरी नहीं दी जाएगी, यह भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने घोषित किया और इन प्रांतों को हथियानेवाली रशिया को आज़ाद नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि इसकी बड़ी कीमत चुकाने के लिए मज़बूर किया जाएगा, यह इशारा बायडेन ने दिया है। लेकिन, बायडेन कितने भी बड़े दावे कर रहे हों, फिर भी अमरीका के राजनीतिक दायरे में यूक्रेन मुद्दे पर काफी बड़े मतभेद होने की बात सामने आ रही है। यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाए, इस प्रस्ताव के पक्ष में अमरिकी सांसदों का पर्याप्त समर्थन ना होने का बयान सभापति नैन्सी पेलोसी ने किया है।

यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्ष ज़ेलेन्स्की ने अपने देश को नाटो में शामिल करने की गतिविधियाँ शुरू की हैं और इसी बीच पेलोसी ने यह कबूल करके अमरीका की मर्यादा स्पष्ट की है। साथ ही नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने भी रशिया को गंभीर चेतावनी दी है, फिर भी यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के मुद्दे पर बयान नहीं किया। नाटो को यूक्रेन और रशिया के युद्ध में शामिल होने से दूर रखने के लिए जर्मनी कड़ी कोशिश करेगी, ऐसा ऐलान जर्मनी के विदेशमंत्री ने किया है। यूक्रेन का युद्ध अन्य देशों में ना फैले, यही जर्मनी की भूमिका थी। इस युद्ध में नाटो शामिल नहीं है और आगे भी ना हो, यह कहकर जर्मनी के विदेशमंत्री ने अस पर अपनी भूमिका स्पष्ट की।

नाटो सदस्य अन्य यूरोपिय देश भी जर्मनी द्वारा घोषित भूमिका का समर्थन करेंगे, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। अमरीका की विदेश नीति के शिल्पकार और ज्येष्ठ कूटनीतिक के तौर पर पूरे विश्व में जाने जा रहे हेन्री किसिंजर ने भी इस विषय पर अपने स्पष्ट विचार रखे। ‘बर्लिन की दिवार गिरने के साथ ही अमरीका सोवियत रशिया के पूर्व सदस्य देशों को नाटो में शामिल कराने की कोशिश कर रही है। इसके ज़रिये अमरीका अपनी सुरक्षा को चुनौती दे रही है, ऐसा रशिया का कहना है’, इस पर किसिंजर ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन, मौजूदा स्थिति में यूक्रेन को नाटो में शामिल करना समझदारी नहीं होगी, यह दावा किसिंजर ने किया। साथ ही रशिया ने यूक्रेन पर हमला करने का निर्णय हमें मंजूर ना होने की बात भी किसिंजर ने स्पष्ट कही। यूक्रेन युद्ध की वजह से रशिया ने यूरोपिय देशों को परंपरागत युद्ध की धमकी देना आगे से काम नहीं आएगा, इस वजह से रशिया ने यूक्रेन युद्ध खोया है, यह दावा किसिंजर ने किया। लेकिन, आज नहीं तो कल पश्चिमी देश और रशिया को राजनीतिक बातचीत शुरू करके इस मसले का हल निकालना ही पडेगा, ऐसा किसिंजिर ने आगे कहा।

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