’डिजिटल डॉलर’ का निर्माण करने के लिए अमरीका कदम बढ़ाए – कोषागार विभाग की सिफारिश

वॉशिंग्टन – अमरीका की सरकार और संबंधित यंत्रणा ‘डिजिटल डॉलर’ का निर्माण करने के लिए आवश्यक कदम बढ़ाना शुरू करें, ऐसी सिफारिश कोषागार विभाग की रपट में की गई है। अमरीका की वित्तमंत्री जैनेट येलन ने यह जानकारी प्रदान की। अमरीका की ‘सेंट्रल बैंक डिजिटल करन्सी’ यानी ‘सीबीडीसी’ के लिए रणनीतिक एवं तकनीकी स्तर पर काम आगे बढ़ना चाहिये, ऐसा कोषागार विभाग ने अपनी रपट में कहा है। कुछ महीने पहले अमरिकी सेंट्रल बैंक ‘फेडरल रिज़र्व’ के प्रमुख ने भी ‘डिजिटल डॉलर’ के निर्माण का समर्थन किया था।

‘अमरीका में मौजूदा कार्यरत पेमेंट व्यवस्था के कुछ घटक काफी मंद गती से काम कर रहे हैं। इनमें से कुछ बड़ी लागत के हैं। एक लचिली अर्थव्यवस्था एवं वित्त व्यवस्था के लिए अनुसंधान ही अहम होता है। अमरीका ने संभावित डिजिटल करन्सी के लिए रणनीतीक एवं तकनीकी स्तर पर कदम बढ़ाने चाहिएं। अमरीका के राष्ट्रीय हित के लिए यह अहम होगा’, इन शब्दों में अमरिकी वित्तमंत्री जैनेट येलन ने कोषागार विभाग ने डिजिटल डॉलर के लिए की हुई सिफारिश की जानकारी प्रदान की।

कोषागर विभाग की यह सिफारिश अमरीका द्वारा डिजिटल डॉलर के निर्माण के लिए जारी कोशिशों का अहम चरण माना जाता है। इससे पहले मार्च में राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने डिजिटल डॉलर के निर्माण के मुद्दे पर प्रशासकीय यंत्रणाओं को अध्ययन करके रपट पेश करने के आदेश दिए थे। इसके बाद फेडरल रिज़र्व एवं कोषागर विभाग समेत विभिन्न यंत्रणाओं ने रपट पेश की है। डिजिटल डॉलर का कार्यान्वयन करने का ज़िम्मा कोषागर विभाग और फेडरल रिज़र्व पर होने से उनकी सिफारिशें अहमियत रखती है।

जून में अमरीका की फेडरल रिज़र्व ने ‘इंटरनैशनल रोल्स ऑफ यूएस डॉलर’ नामक परिषद का आयोजन किया था। इस परिषद में फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोल पॉवेल ने डिजिटल डॉलर के समर्थन में अपनी भूमिका रखी थी। ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलहाल क्रिप्टो करन्सी का इस्तेमाल काफी तेज़ी से बढ़ रहा है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका में डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल करके कारोबार में अधिक सुधार करना संभव होगा या नहीं, इस पर फेडरल रिज़र्व सोच रहा है। फेड ने इस मुद्दे पर श्वेत पत्रिका भी जारी की है। इसके अनुसार अमरिकी डॉलर का डिजिटल संस्करण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर का वर्चस्व कायम रखने के लिए सहायक साबित होगा’, इस ओर गवर्नर पॉवेल ने ध्यान आकर्षित किया था।

विश्व के कई देशों के साथ बड़ी कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरन्सी एवं डिजिटल मुद्रा को स्वीकृति प्रदान करना शुरू किया है। विश्व के १० देशों ने प्रायोगिक स्तर पर डिजिटल करन्सी का इस्तेमाल शुरू किया है। अब १०० से अधिक देशों में डिजिटल करन्सी से संबंधित प्रकल्प विभिन्न स्तरों पर जारी है। इसी बीच दूसरी ओर रशिया और चीन समेत कुछ प्रमुख देश अमरिकी डॉलर का इस्तेमाल कम करने पर जोर दे रहे हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर के प्रभाव को नुकसान पहुँचने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र अमरिकी वित्तमंत्री येलेन और कोषागार विभाग ने डिजिटल डॉलर को लेकर की हुई सिफारिश अहमियत रखती है।

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