ईरान के सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत के प्रदर्शनों को अन्य शहरों से भी समर्थन

पैरिस – ईरान की सुरक्षा यंत्रणा के खिलाफ सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत में हो रहे प्रदर्शनों को ईरान के अन्य शहरों से भी समर्थन प्राप्त होने लगा है। पिछले महीने यहां के ज़ाहेदान शहर में सुरक्षा यंत्रणा ने स्थानीय लोगों पर गोलीबारी करने से ३० से अधिक की मौत हुई थी। बाद में यहां के संघर्ष में मारे जाने वालों की संख्या बढ़कर ११८ होने का दावा किया जा रहा है।

माहसा अमिनी नामक कुर्द युवति की हत्या के बाद ईरान में सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्लाह खामेनी के खिलाफ प्रदर्शन किए गए थे। लगभग दो हफ्ते बाद ३० सितंबर को सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत के ज़ाहेदान शहर में पुलिस कमांडर ने १५ वर्ष की लड़की पर अत्याचार करने की बात सामने आयी थी। इसके बाद गुस्से में स्थानीय लोगों ने ज़ाहेदान शहर में सुरक्षा यंत्रणा के खिलाफ प्रदर्शन किए। इसके बाद ईरान की सुरक्षा यंत्रणा की गोलीबारी से कम से कम ३० प्रदर्शनकारी मारे गए।

रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने आरोपी अधिकारी को निष्कासित किया था। इसके बावजूद ज़ाहेदान शहर में संघर्ष बंद नहीं हुए हैं। पिछले ४० दिनों में यहां के संघर्ष में ११८ लोगों की मौत हुई है और इस दौरान ईरानी गुप्तचर यंत्रणा का वरिष्ठ अधिकारी भी मारा गया है। ईरान की हुकूमत ने इसका प्रतिशोध लेने की धमकी दी थी।

ईरान के अन्य शहरों में जारी हुकूमत विरोधि प्रदर्शन और ज़ाहेदान शहर के प्रदर्शनों में कोई संबंध नहीं था। लेकिन, बुधवार को ईरान के कुर्दिस्तान क्षेत्र में बानेह, केरमानशाह, मारिवान, सनांदज और साकेज़ शहरों में भी ज़ाहेदा के समर्थन में प्रदर्शन शुरू हुए हैं।

सिस्तान-बलुचिस्तान प्रांत में बलूच अल्पसंख्यांक हैं और पिछले कई दशकों से इस क्षेत्र में स्वतंत्र बलुचिस्तान की मांग हो रही है। ईरान के साथ अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में विभाजित बलुच प्रांतों को एकसंघ बलुचिस्तान देश के तौर पर स्वीकृति दी जाए, ऐसा इन बलूच नेताओं का कहना है। तथा माहसा अमिनी नामक कुर्द युवति की हत्या के बाद ईरान के वायव्य ओर के कुर्द क्षेत्र से भी स्वतंत्र कुर्दिस्तान की मांग जोर पकड़ रही है।

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