रशिया का यूक्रेन अभियान यानी शैतान के खिलाफ पवित्र युद्ध – रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव

मास्को – रशिया का यूक्रेन में शुरू अभियान यानी शैतान के खिलाफ पवित्र युद्ध हैं और रशिया अपने सभी शत्रुओं का नरक की आग में धकेल सकती हैं, ऐसा दावा रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने किया। रशिया के ‘डे ऑफ नैशनल युनिटी’ की पृष्ठभूमि पर जारी किए संदेश में मेदवेदेव ने नरक के सर्वोच्च सत्ताधीश को रोकना ही हमारे पितृभूमि का कर्तव्य होने का बयान किया है। इस बार उन्होंने यूक्रेन का ज़िक्र ‘क्रेझी नाझी ड्रग एडिक्टस्‌‍’ किया।

पिछले आठ महीनों से भी धिक समय से रशिया-यूक्रेन संघर्ष शुरू हैं। यूक्रेन की नाज़ी समर्थक हुकूमत को रोकने के लिए एवं नाटो का विस्तार रोकने के लिए यूक्रेन पर हमला किया, ऐसा बयान रशिया के नेता बार बार कर रहे हैं। पश्चिमी देशों से यूक्रेन को प्रदान हो रहा समर्थन और यूक्रेन एवं पश्चिमी नेताओं के सामने आ रहें रशिया विरोधी बयानों से इसकी पुष्टी होती हैं, इसपर भी रशियन नेताओं ने ध्यान आकर्षित किया है। इस पृष्ठभूमि पर मेदवेदेव ने रशिया-यूक्रेन युद्ध का ‘पवित्र युद्ध’ ज़िक्र करना ध्यान आकर्षित करता है।

टेलिग्राम एप पर जारी किए संदेश में मेदवेदेव ने यूक्रेन और पश्चिमी देशों की आलोचना की हैं। ‘रशिया का यूक्रेन युद्ध यानी शैतान के खिलाफ शुरू पवित्र युद्ध हैं। नरक का सत्ताधीश जिसे शैतना, ल्युसिफर या इब्लिस नाम से पहचाना जाता हैं, उसे रोकना यह पितृभमि का कर्तव्य हैं। जटिलता बढ़ानेवाला ‘असत्य’ शैतान के हथियारों समें से एक हथियार होता हैं। वहीं अपना हथियार ‘सत्य’ यही हैं। इस वजह से हमारा उद्देश्य न्याय्य हैं और जीत हमारी ही होगी’, ऐसा विश्वास मेदवेदेव ने व्यक्त किया।

रशिया के बेड़े में विभिन्न हथियार उपलब्ध हैं और इन हथियारों में सभी शत्रुओं को नरक की आग मे धकलने की क्षमा हैं, यह दावा भी पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मेदवेदेव ने किया। यूक्रेन यानी नशिले पदार्थों के आदी बेवकूफों का गुट हैं और जिसके समर्थन में पश्चिमी खड़े हैं, ऐसा मेदवेदेव ने कहा।

इसी बीच फिलहाल विश्व के सामने खड़े संकटों के पीछे पश्चिमी देशों की विश्व पर वर्चस्व बनाए रखने की महत्वाकांक्षी यह एक मात्र वजह होने का आरोप रशिया की ‘नैशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ के सचिव निकोलाय पत्रुशेव ने लगाया। पश्चिमी देश राष्ट्रीय हितंसंबधों के साथ अन्य देशों की परंपरा एवं बहुस्तंभीय विश्व के निर्माण को अनदेखा कर रहे हैं, यह भी उन्होंने इस दौरान कहा।

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