प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘यूएई’ के दौरे पर

अबू धाबी – जर्मनी में आयोजित ‘जी ७’ परिषद में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) का दौरा किया। ‘यूएई’ के राष्ट्राध्यक्ष ‘शेख मोहम्मद बिन झायेद अल नह्यान’ ने अबू धाबी हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने अपनी चर्चा में भारत और यूएई की रणनीतिक भागीदारी अधिक व्यापक करने का निर्धार व्यक्त किया।

यूएई के राष्ट्रप्रमुख शेख खलिफा बिन झायद अल नह्यान का १३ मई को निधन हुआ था। इसके बाद भारत ने भी एक दिन राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया था। उप-राष्ट्रपति व्यंकैय्या नायडू ने यूएई का दौरा करके भारत की संवेदना व्यक्त की थी। इसके बाद ‘जी ७’ परिषद में शामिल होकर जर्मनी से स्वदेश लौट रहे प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई का दौरा किया। इस दौरान शेख खलिफा बिन झायद अल नह्यान के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी भावना व्यक्त की। शेख खलिफा बिन झायद अल नह्यान के प्रति प्रत्येक के मन में आदर था और वे अपनी जनता के हित के लिए बिना रुके कार्यरत रहे, ऐसा प्रदानमंत्री मोदी ने कहा।

उनके निधन के बाद यूएई की सत्ता की बागड़ोर संभाल रहे ‘शेख मोहम्मद बिन झायेद अल नह्यान’ का प्रधानमंत्री ने अभिनंदन किया। साथ ही भारत और यूएई के संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी और ‘शेख मोहम्मद बिन झायेद अल नह्यान’ की गहरी चर्चा हुई। इससे पहले १८ फ़रवरी को व्यापार, निवेश, अन्न सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र के सहयोग पर प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष ‘शेख मोहम्मद बिन झायेद अल नह्यान’ की वर्चुअल बातचीत हुई थी। व्यापार, निवेश और रक्षा क्षेत्र का सहयोग इस चर्चा के प्रमुख मुद्दे थे। इस दौरान भारत और यूएई ने मुक्त व्यापारी समझौता किया।

वित्तीय वर्ष २०२१-२०२२ में भारत और यूएई का द्विपक्षीय व्यापार ७२ अरब डॉलर्स तक पहुँचा। यूएई भारत का अहम व्यापारी भागीदार है। इसके साथ ही भारत को सबसे अधिक निर्यात करने वाले देशों की सूचि में यूएई का दूसरा स्थान है। मुक्त व्यापारी समझौते के बाद अगले पांच सालों में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार १०० अरब डॉलर्स तक पहुंचेगा, यह विश्वास व्यक्त किया जा रहा है।

यूएई के सहयोग की वजह से खाड़ी क्षेत्र पर भारत का प्रभाव अधिक बढ़ रहा है, ऐसी चिंता पाकिस्तान के विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं। खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में यूएई ने बड़े निवेश का ऐलान करने पर भारत-यूएई सहयोग की ओर पाकिस्तान बड़ी बेचैनी से देख रहा है।

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