इराक में स्थित ‘यूएई’ के ईंधन प्रकल्प पर ‘कत्युशा’ रॉकेट से हमले

सुलेमानिया – इराक में स्थित ‘यूएई’ के ईंधन प्रकल्प आतंकियों के हमलों का निशाना बन रहे हैं। सुलेमानिया में स्थित यूएई के ईंधन प्रकल्प पर शुक्रवार को कत्युशा रॉकेट से हमले हुए। इससे किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ। लेकिन, पिछले हफ्ते से इस प्रकल्प पर यह तीसरा रॉकेट हमला है। इस वजह से इराक में स्थित ‘यूएई’ के ईंधन प्रकल्प की सुरक्षा का मुद्दा चर्चा का विषय बना है। इराक के कुर्दिस्तान प्रांत के ईंधन प्रकल्पों पर हमलों की तीव्रता बढ़ रही है, इस पर अमरीका के विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इराक के अन्य प्रांतों की तुलना में कुर्दिस्तान में नैसर्गिक ईंधनवायु का काफी बड़ा भंड़ार है। यहां के ईंधन वायु का खनन ही कुर्दिस्तान प्रांत की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत माना जाता है। खाड़ी के यूएई और अन्य देशों ने भी कुर्दिस्तान के ईंधन वायु प्रकल्पों में निवेश किया है। इनमें खोर मोर और शेमशेमल जैसे ईंधन क्षेत्रों का समावेश है।

साल २००७ में यूएई के डाना गैस और क्रिस्नट पेट्रोलियम के बीच खोर मोर और शेमशेमल क्षेत्र में खनन और उत्पादन करने संबंधित समझौते किए गए। खोर मोर के ईंधन क्षेत्र से हर दिन १५ हज़ार बैरल्स ईंधन और एक हज़ार टन से अधिक ईंधन वायु का खनन होता है। पिछले साल खोर मोर की ईंधन पाइपलाइन से तुर्की तक पहुँचाने की तैयारी कुर्ती ने रखी थी।

लेकिन, इराक में मौजूद ईरान से जुडे आतंकी संगठनों ने इस समझौते का थोड़ा विरोध नहीं किया था। कुर्दिस्तान की कंपनियां तुर्की के साथ किसी भी तरह का ईंधन कारोबार ना करें, ऐसा इशारा इस आतंकी संगठन ने दिया था। इसके बाद कुर्दिस्तान में मौजूद ईंधन प्रखल्पों पर हमले बढ़ाने की बात अमरिकी विश्लेषक कह रहे हैं।

पिछले हफ्ते से यूएई के डाना गैस प्रकल्प पर सीधे रॉकेट हमले हो रहे हैं। इन हमलों का ज़िम्मा किसी भी संगठन ने स्वीकार नहीं किया है। लेकिन, ईरान से जुडे आतंकी संगठन ही इन आतंकी हमलों के पीछे होने की कड़ी संभावना व्यक्त की जा रही है। साथ ही इन हमलों में प्रयोग किए गए ‘कत्युशा’ राकेट की तैयारी ईरान में हो रही है, ऐसा दावा किया जा रहा है। कुर्दिस्तान के ईंधन का देश से बाहर निर्यात ना करें, ऐसी चेतावनी इन हमलों से दी जा रही है, ऐसा अमरिकी विश्लेषकों का कहना है।

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