उत्तर कोरिया के संभावित परमाणु परीक्षण के खिलाफ अमरीका के ‘बॉम्बर’ विमान गुआम में तैनात

वॉशिंग्टन – ‘किसी भी संभावित उकसावे की कोशिश का जवाब देने के लिए अमरीका अपने मित्र और सहयोगी देशों के साथ है, ऐसा संदेश देने के लिए गुआम द्वीप पर ‘बॉम्बर’ विमानों की तैनाती की गई है’, ऐसा ऐलान पेंटॅगॉन ने किया। सीधे ज़िक्र ना किया हो, फिर भी उत्तर कोरिया के संभावित परमाणु परीक्षण के खिलाफ और ताइवान को आश्वस्त करने के लिए अमरीका ने यह तैनाती की है, ऐसा दावा स्थानीय माध्यम कर रहे हैं। इसी बीच चीन के खतरे को रेखांकित करके अमरीका अपने ‘बॉम्बर’ विमानों का आधुनिकीकरण कर रही है, ऐसी खबरें भी चार दिन पहले प्रसिद्ध हुई थीं।

परमाणु परीक्षणपिछले कुछ महीनों से बैलेस्टिक मिसाइल का लगातार परीक्षण करने वाले उत्तर कोरिया जल्द ही परमाणु परिक्षण कर सकता है। ऐसा इशारा दक्षिण कोरियन सेना दे रही है। उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण के लिए जमावड़ा शुरू किया है। इसकी वजह से पिछले परमाणु परीक्षण की तुलना में उत्तर कोरिया का अगला परीक्षण सबसे बड़ा और अमरीका के लिए चुनौती देनेवाला होगा, यह दावा किया जा रहा है। अपनी सुरक्षा को चुनौती दे रहे अमरीका के काफी दूर के शहरों पर परमाणु बम से हमला करने की धमकी उत्तर कोरिया ने पहले ही दी थी।

इस पृष्ठभूमि पर अमरीका ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सेना तैनाती बढ़ाई है। कुछ दिन पहले अमरीका ने लड़ाकू विमान और विमान वाहक ‘यूएसएस रोनाल्ड रीगन’ अपने बेड़े के साथ दक्षिण कोरिया में ‘युद्धाभ्यास कर रही थी। बल्कि इससे पहले ‘अमरीका के ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमान दक्षिण कोरिया के हवाई अड्डे पर दाखल होने की खबर सामने आयी थी। पर आज अमरीका के ‘बी-१बी’ प्रगत बॉम्बर विमानों का बेड़ा गुआम द्वीप पर पहुंचा है। पिछले दस महीनों में अमरिकी बॉम्बर विमानों की गुआम में यह दूसरी ताइनाती होगी।

परमाणु परीक्षणअमरीका के ‘बी-१बी’ बॉम्बर्स की गुआम पर हो रही तैनाती थोड़ी अवधि के लिए है, ऐसा पेंटॅगॉन ने कहा है। इस क्षेत्र के अपने मित्र और सहयोगी देशों को आश्वस्त करने के लिए यह तैनाती की गई है, ऐसा पेंटेगॉन के प्रवक्ता प्रिगेडियर जनरल पैट रायडर ने कहा। यह बॉम्बर विमान अमरीका के मित्रदेशों के लड़ाकू विमानों के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में विभिन्न युद्धाभ्यास करेंगे, ऐसी जानकारी ब्रिगेडियर जनरल रायडर ने प्रदान की। उत्तर कोरिया के खतरे का सीधा ज़िक्र करना रायडर ने टाल दिया। लेकिन, कुछ दिन पहले जापान की हवाई सीमा के ऊपर से मिसाइल दागकर इस क्षेत्र में तनाव निर्माण करनेवाले उत्तर कोरिया को चेतावनी देने के लिए इन बॉम्बर्स की तैनाती की गई है, ऐसा स्थानीय माध्यमों का कहना है।

साथ ही ताइवान के विलयन की धमकी दे रहे चीन को संदेश देने के लिए भी अमरीका के इन बॉम्बर विमानों की तैनाती सहायक है, ऐसा दावा अमरिकी विश्लेषक कर रहे हैं। इससे पहले भी अमरीका ने चीन को चेतावनी देने के लिए गुआम द्विप पर बॉम्बर तैनात करके प्रगत लड़ाकू विमानों का एलिफन्ट वॉक निकाला था। अमरीका के विमान वाहक युद्धपोत ने ताइवान की खाड़ी से सफर किया था। ऐसे में चीन का खतरा रेखांकित करके अमरीका अपने ६० साल पुराने ‘बी ५२ बॉम्बर्स’ का आधुनिकीकरण कर रही है, ऐसी खबरें भी प्राप्त हुई हैं।

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