विश्व की प्रमुख नौसेनाओं में भारतीय नौसेना का समावेश – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

कारवार – अत्याधुनिक, सक्षम, विश्वासार्ह शक्ति वाली भारतीय नौसेना पराक्रमी, सतर्क और सदैव विजयी होनेवाली है। आज के दौर में विश्वभर की प्रमुख नौसेनाओं में भारतीय नौसेना का समावेश होता है। विस्व की बड़ी नौसेनाएं भारतीय नौसेना से सहयोग करने के लिए उत्सुक रहती हैं, ऐसे गौरवोद्गार रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बयान किए।

कारवार के नौसेना ठिकाने पर पहुँचे रक्षामंत्री ने ‘आईएनएस खंदेरी’ नामक पनडुब्बी में तकरीबन चार घंटे की यात्रा की। इस दौरान ‘आईएनएस खंदेरी’ का सामर्थ्य और क्षमता प्रदर्शित करनेवालों ने प्रदर्शन रक्षामंत्री के सामने किए गए। इस दौरान रक्षामंत्री के साथ नौसेनाप्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार और नौसेना एवं रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान बोलते समय रक्षामंत्री ने नौसेना के सामर्थ्य का विश्वास गिनेचुने शब्दों में बयान किया।

‘आईएनएस खंदेरी’ नामक पनडुब्बी ‘मेक इन इंडिया’ की क्षमता प्रदर्शित करती है, ऐसा राजनाथ सिंह ने कहा। भारतीय नौसेना के लिए तैयार की जा रही ४१ युद्धपोतें और पनडब्बियों में से ३९ का निर्माण देश के ही शिपयार्डस्‌‍ में हो रहा है। जिस गति से यह काम चल रहा है, इससे आत्मनिर्भर भारत की योजना अधिक मज़बूत हो रही है, ऐसा रक्षामंत्री ने कहा। देश का पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विक्रांत’ की वजह से देश की समुद्री सुरक्षा की ताकत प्रचंड़ बढ़ेगी, यह विश्वास राजनाथ सिंह ने व्यक्त किया।

लेकिन, भारतीय नौसेना का यह बढ़ता सामर्थ्य किसी को उकसाने के लिए नहीं है और सुरक्षा हेतु ही है। हिंद महासागर क्षेत्र की शांति की गारंटी देश की यह नौसेना देती है, यह दावा रक्षामंत्री ने किया। भारतीय नौसेना ने किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तैयारी की हुई है यह कहकर रक्षामंत्री ने नौसेना की सराहना की। भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा के लिए ‘प्रोजेक्ट सी बर्ड’ नामक विशेष प्रकल्प चला रही है। इसका भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जायज़ा लिया।

भारतीय अर्थव्यवस्था तेज़ी से प्रगति कर रही है और उसी मात्रा में भारत का व्यापार और समुद्री यातायात का विस्तार हो रहा है। ऐसी स्थिति में देश का समुद्री संबंध सुरक्षित रखने के लिए भारतीय नौसेना के सामर्थ्य में लगातार बढ़ोतरी करना जरुरी हो गया है। ऐसे में भारत के समुद्री प्रभाव क्षेत्र में घुसकर चुनौती देने की चीन की कोशिश जारी है। ऐसी स्थिति में भारत ने अपनी नौसेना का सामर्थ्य और क्षमता बढ़ाने का योजनाबद्ध कार्यक्रम चलाया है और इसका प्रभाव भी दिखाई देने लगा है। रक्षामंत्री के बयान से भी यह बात सामने आ रही है।

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