भारत और रशिया के द्विपक्षीय व्यापार में बड़ी बढ़ोतरी – वाणिज्य मंत्रालय का दावा

नई दिल्ली – भारत और रशिया में व्यापार पिछले साल की तुलना में बडे पैमाने पर बढ़ने की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने प्रदान की। वित्तीय साल के पहले पांच महीनों में ही दोनों देशों में व्यापार १८ अरब डॉलर्स से अधिक हुआ है। भारत रशिया से बडे पैमाने पर ईंधन और खाद खरीद रहा है। इसकी वजह से इस व्यापार में इतनी बढ़ोतरी दर्ज़ हुई, ऐसा कहा जा रहा है। वाणिज्य मंत्रालय यह जानकारी साझा कर रहा था तभी रशिया के ‘गाज़प्रोम बैंक’ द्वारा भारत की युको बैंक में खाता खोला, ऐसी खबरें प्राप्त हुई हैं। आनेवाले समय में डॉलर्स से नहीं, बल्कि रुपया और रुबल से कारोबार करने का निर्णय दोनों देशों ने लिया है। इसके लिए रशिया ने यह कदम उठाया दिख रहा है।

भारत और रशिया के द्विपक्षीय व्यापार में बड़ी बढ़ोतरी - वाणिज्य मंत्रालय का दावापिछले आर्थिक वर्ष के पहले पांच महीनों में भारत और रशिया में व्यापार १३.१२ अरब डॉलर्स था। लेकिन, मौजूदा वित्तीय वर्ष के पहले पांच महीनों में यह व्यापार सबसे उपरी स्तर पर पहुँचा है और यह राशि १८.२ अरब डॉलर्स तक पहुँची है। वाणिज्य मंत्रालय ने यह आँकड़े जारी करके इसकी जानकारी साझा की। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अमरीका ने रशिया को ईंधन बेचने का अवसर ना मिले, इसके लिए गतिविधियाँ शुरू की थीं। लेकिन, अपनी ८५ प्रतिशत ईंधन ज़रूरतें खाड़ी क्षेत्र से हो रही खरीद से पूरी करने वाले भारत ने रशिया द्वारा रियायत के दर में ईंधन बेचने का प्रस्ताव स्वीकारा। इसके खिलाफ अमरीका के दबावों की भी भारत ने परवाह नहीं की।

इसकी वजह से देश की ईंधन की तकरीबन एक प्रतिशत ज़रूरत रशिया से खरीद करके पूरी कर रहे भारत ने रशिया से बडे पैमाने पर ईंधन खरीदना शुरू किया। इसके साथ ही रशिया से खाद की खरीद बढ़ाकर भारत ने अमरीका के दबाव का जवाब दिया। साथ ही भारत ने कोयला और अन्य उत्पादनों की रशिया से खरीद बढ़ाने का निर्णय लिया, ऐसा कहा जा रहा है। विश्व के अन्य प्रमुख देश अमरीका के दबाव का शिकार बन रहे हैं और ऐसे में भारत ने रशिया पर यह निर्णय लेके अपनी मित्रता साबित की, ऐसा रशियन नेता गर्व से कह रहे थे। इसके अलावा रशिया के साथ अपने कारोबार में अमरीका के प्रतिबंध अड़ंगा ना बनें, इसके लिए रुपया-रुबल से कारोबार करने की तैयारी भी भारत ने की थी।

इसका असर दिखने लगा है और रशिया की गाज़प्रोम बैंक ने भारत की युको बैंक में खाता खोला है। इसकी वजह से दोनों देशों के कारोबार से डॉलर हट जाएगा और इससे दोनों देशों को बड़े लाभ मिलेंगे। खास तौर पर भारत की विदेशी मुद्रा भंड़ार में इससे डॉलर्स की बचत होगी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रुपये के इस्तेमाल को गति मिलेगी। रशिया समेत अन्य देश भी भारत के साथ स्थानीय मुद्रा के ज़रिये कारोबार करने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें रशिया के प्रभाव में होनेवाले मध्य एशियाई देशों का भी समावेश है। इसी बीच ईरान ने भी भारत की युको बैंक में खाता खोलकर भारत के साथ रशिया की तरह ही कारोबार करने के कदम उठाने की बात कही जा रही है।

भारत और रशिया के बीच यह सहयोग अगले समय में बहुत अहम साबित होगा और इसके आर्थिक एवं रणनीतिक स्तर पर बड़े असर दिख सकते हैं। रशिया से ईंधन की खरीद बढ़ाने से भारत की ईंधन सुरक्षा अधिक सुनिश्चि हुई है। इसी बीच रशिया के रियायत के दर में भारत को ईंधन प्रदान करने से इस कारोबार में भारत का लाभ हो रहा है। आनेवाले समय में भी दोनों देश अपने व्यापार का दायरा बढ़ाएँगे और यातायात के लिए आवश्यक प्रकल्पों पर काम कर रहे हैं। करीबी दिनों में इसका भी असर दिखाई देगा।

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