इस्रायल और अरब देशों के रक्षा सहयोग के विरोध में हमास-हिज़बुल्लाह की चेतावनी

बैरूत – इस्रायल और अरब देशों की ‘नेगेव’ परिषद के कारण आतंकी गुट हमास और हिज़बुल्लाह खौफ में हैं। इस परिषद की वजह से खाड़ी में इस्रायल का वर्चस्व स्थापित हो रहा है, ऐसा दावा हमास ने किया। इसी दौरान हमास और हिज़बुल्लाह के प्रमुखों ने चिंता जतायी है कि, इस्रायल और अरब देशों के बीच घातक साबित होनेवाला सैन्य सहयोग विकसित हो रहा है। इसी वजह से इस्रायल विरोधी गुटों ने अपने गठबंधन को मज़बूत करने की आवश्‍यकता होने का उकसानेवाला बयान दोनों आतंकी गुटों ने किया है।

बहरीन की राजधानी मनामा में दो दिन पहले ‘नेगेव’ की विशेष बैठक हुई। आर्थिक, व्यापारी सहयोग के साथ ही सुरक्षा के मोर्चे पर भी इस्रायल और अरब देशों के नेताओं में चर्चा हुई। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के खाड़ी दौरे से पहले इस्रायल और अरब देशों की यह परिषद यानी ईरान विरोधी मोर्चा खड़ा करने की कोशिश होने का दावा किया जा रहा है। इस वजह से वर्णित परिषद पर बयाना आने की उम्मीद थी। ईरान से जुड़े हमास, हिज़बुल्लाह और अन्य आतंकी संगठनों ने इस परिषद को लेकर चिंता जतायी है।

गाज़ापट्टी की हमास के प्रमुख इस्माईल हनिया ने लेबनान में हिज़बुल्ला के नेता हसन नसरल्ला से मुलाकात की। इन दोनों आतंकी संगठनों के साथ ही ‘पैलेस्टिनीयन इस्लामिक जिहाद’ (पीजेआई), ‘पॉप्युलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ पैलेस्टाईन’ (पीएफएलपी) और अन्य संगठनों का इसमें समावेश था। ‘नेगव परिषद यानी अमरीका और इस्रायल की सबसे खतरनाक साज़िश है। पैलेस्टाईन और लेबनॉन के इस्रायल विरोधी संघर्ष की तीव्रता कम करने के लिए इस परिषद का आयोजन किया गया था’, ऐसा आरोप हमास, हिज़बुल्लाह एवं अन्य आतंकी संगठनों ने लगाया।

ऐसे में हमास के राजनीतिक गुट के प्रवक्ता बासिम नईम ने नेगेव परिषद यानी इस्रायल की बड़ी साज़िश होने का आरोप लगाया। ‘इस परिषद की वजह से खाड़ी में इस्रायल का वर्चस्व स्थापित हुआ है। नेगेव परिषद इस क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता कायम नहीं रख सकती। इस वजह से सिर्फ विध्वंस ही होगा। इससे पैलेस्टाईन का मुद्दा और पैलेस्टिनी नागरिकों के अधिकार खत्म होंगे’, ऐसी आलोचना हमास के प्रवक्ता ने की। साथ ही नेगेव परिषद में शामिल होकर अरब देश पैलेस्टिनी नागरिकों पर इस्रायल के अत्याचारों का समर्थन कर रहे हैं, ऐसी फटकार नईम ने लगायी है।

अरब देश इस्रायल के साथ स्थापित कर रहे सहयोग पर पैलेस्टिनी संगठनों ने पहले भी गंभीर चिंता व्यक्त की थी। ईरान ने भी यह खाड़ी क्षेत्र के लिए खतरनाक बात साबित होगी, ऐसे इशारे अरब देशों को दिए थे। इस वजह से अरब-खाड़ी देशों के इस्रायल से हो रहे सहयोग के विरोध में ईरान और पैलेस्टिनी संगठन साथ आती दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.