चीन द्वारा विश्व के लिथियम भंड़ारों पर कब्ज़ा बनाने की गतिविधियाँ – अर्जेंटिना में दो अरब डॉलर्स का किया निवेष

बीजिंग – इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए निर्णायक घटक बनी बैटरीज्‌‍ तैयार करने में इस्तेमाल हो रहें लिथियम के भंड़ारों पर कब्ज़ा पाने के लिए चीन ने जोरदार गतिविधियाँ शुरू की हैं। कुछ दिन पहले ही चीन ने लैटिन अमरीका के ‘लिथियम ट्रैंगल’ का हिस्सा होनेवाले अर्जेंटिना में भारी दो अरब डॉलर्स से भी अधिक निवेश करने का ऐलान किया। यह निवेष लिथियम उत्पादक प्रकल्पों में होने की बात स्पष्ट हुई है।

मौसम के बदलाव और प्रदुषण की पृष्ठभूमि पर पूरे विश्व में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या भारी बढ़ रही हैं। अगले दशक में पूरे विश्व में बिक्री होनेवाली कुल गाड़ियों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़कर १० प्रतिशत होगी, ऐसा अनुमान हैं। इन वाहनों के लिए ‘लिथियम आयर्न बैटरिज्‌‍’ इस्तेमाल होती हैं। इस वजह से भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की निर्माती कंपनियों को लिथियम की बड़ी ज़रूरत होगी।

फिलहाल विश्व में लिथियम के सबसे ज्यादा भंड़ार पानेवाले देशों में ऑस्ट्रलिया, चिली, चीन अर्जेंटिना और डीआर कांगो का समावेश होता हैं। चीन में भारी मात्रा में लिथियम के भंड़ार होने के बावजूद चीन अब दूसरें देशों के भंड़ारों पर कब्ज़ा पाकर इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व निर्माण करने की कोशिश कर रहा हैं। अर्जेंटिना के लिथियम भंड़ारों के लिए चीन का इतना बड़ा निवेष करना इसी के संकेत देता हैं।

अर्जेंटिना के साल्टा प्रांत के दो प्रकल्पों में चीन निवेष कर रहा हैं और इससे साल २०२४ तक डेढ़ लाख टन लिथियम कार्बोनेट का उत्पादन मुमकिन हो सकता हैं। अर्जेंटिना के साथ ही ‘लिथियम ट्रैंगल’ का हिस्सा होनेवाले बोलिविया एवं चिली में भी निवेश करने की कोशिशों में चीन जुटा होने की बात कही जा रही है। इन तीन देशों में विश्व के कूल लिथियम भंड़ारों में से ५० प्रतिशत से भी अधिक लिथियम होने से चीन की यह गतिविधियाँ चिंता बढ़ा रही हैं।

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