‘कोवैक्सीन’ का उत्पादन बढ़ाने के लिए हाफकिन समेत तीन संस्थाओं को मंजूरी

नई दिल्ली/मुंबई – हाफकिन इन्स्टिट्यूट समेत देश की तीन संस्थाओं को ‘कोवैक्सीन’ के उत्पादन की ज़िम्मेदारी प्रदान की गई है। देश में कोरोना के टीकाकरण का कार्यक्रम गतिमान करने के लिए कोरोना की वैक्सीन का भारी संख्या में उत्पादन करने की आवश्‍यकता है। देश में फिलहाल ‘ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका’ ने विकसित की हुई ‘कोविशिल्ड’ और ‘भारत बायोटेक’ एवं ‘इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ (आयसीएमआर) ने विकसित की हुई ‘कोवैक्सीन’ इन दो वैक्सीन की सहायता से टीकाकरण हो रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार ने हाल ही में रशिया की ‘स्पुटनिक वी’ वैक्सीन का इस्तेमाल करने की मंजूरी प्रदान की है। लेकिन, इस वैक्सीन का अभी टीकाकरण कार्यक्रम में समावेश नहीं किया गया है।

देश में कोरोना संक्रमण काफी तेज़ हुआ है और गुरूवार से शुक्रवार की सुबह तक के २४ घंटों के दौरान करीबन २.१७ लाख नए मामले सामने आए और हज़ार से अधिक संक्रमितों की मौत हुई। देश के दस राज्य कोरोना के बड़े हॉटस्पॉट बने हैं। इनमें से महाराष्ट्र राज्य में रोज़ाना कोरोना के ६० हज़ार से अधिक और उत्तर प्रदेश में २० से २२ हज़ार नए मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा दिल्ली में सबसे अधिक कोरोना केसस सामने आ रहे हैं। छत्तीसगड़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और पश्‍चिम बंगाल का कोरोना संक्रमण सबसे अधिक होनेवाले राज्यों में समावेश है।

शुक्रवार के दिन महाराष्ट्र में ३९८ कोरोना संक्रमित मृत हुए और करीबन ६४ हज़ार नए मामले पाए गए। देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नियमों का पालन, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की त्रिसूत्री के साथ टीकाकरण व्यापक करने की आवश्‍यकता व्यक्त की जा रही है। ४५ वर्ष से अधिक सभी नागरिकों का तेज़ी से टीकाकरण पूरा होना आवश्‍यक है। लेकिन, वैक्सीन का उत्पादन और इसकी माँग में संतुलन ना होने की आपत्ति जताई जा रही थी। कुछ राज्यों ने टीकाकरण की गति बढ़ाने की तैयारी दिखाई। लेकिन, इसकी तुलना में वैक्सीन की सप्लाई होनी चाहिए, यह माँग भी रखी गई थी। इससे संबंधित प्राप्त हुई कुछ सुचनाओं के आधार पर ‘कोवैक्सीन’ का उत्पादन करने की अनुमति अन्य तीन संस्थाओं को प्रदान की गई है।

‘कोवैक्सीन’ का निर्माण भारतीय कंपनी ने किया है। इस वजह से तकनीक के हस्तांतरण करके यह बात मुमकिन हुई है। अब ‘हाफकिन बायोफार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’, ‘इंडियन इम्युनोलॉजिकल्स लिमिटेड’ और भारत इम्युनोलॉजिकल्स एवं बायोलॉजिक्स लिमिटेड’ को ‘कोवैक्सीन’ का उत्पादन करना मुमकिन होगा। भारत बायोटेक के प्रकल्प में फिलहाल महीने में १ करोड़ वैक्सीन का निर्माण हो रहा है। लेकिन, इन तीन संस्थाओं को भी ‘कोवैक्सीन’ का उत्पादन करने की अनुमति मिलने से जुलाई तक महीने में ६ से ७ करोड़ वैक्सीन के टीकों का उत्पादन संभव होगा। साथ ही सितंबर तक यह क्षमता १० करोड़ तक बढ़ेगी।

इसी बीच, ‘ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका’ यह ब्रिटीश कंपनी होने से ‘कोविशिल्ड’ का फिलहाल अन्य स्थानों पर उत्पादन करना मुमकिन ना होने की बात दिख रही है। भारत में सिरम इन्स्टिट्यूट द्वारा ‘कोविशिल्ड’ का उत्पादन हो रहा है। लेकिन, इस पर फिलहाल कुछ मर्यादा होने का वृत्त है। इस वैक्सीन के लिए आवश्‍यक कच्चा सामान अमरीका से आयात किया जता है। लेकिन, अमरीका ने इनमें से कुछ सामान के निर्यात पर पाबंदी लगाई है। यह पाबंदी हटाने का आवाहन सिरम इन्स्टिट्यूट के संचालक अदार पुनावाला ने अमरीका से किया है।

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