‘राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा’ की नई नीति जल्द ही तैयार होगी – नैशनल सायबर को-ऑर्डिनेशन सेंटर के प्रमुख की जानकारी

नई दिल्ली – सायबर सुरक्षा की चुनौतियाँ बढ़ रही हैं। विश्‍व में सबसे अधिक सायबर हमले हो रहे देशों की सूचि में भारत तीसरे स्थान पर है। इस वजह से केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय सायबर सुरक्षा’ की नई नीति तैयार कर रही है। इसी वर्ष में यह नीति तय करने का काम होगा, यह जानकारी देश के ‘नैशनल सायबर को-ऑर्डिनेशन सेंटर’ के समन्वयक सेवानिवृत्त लेफ्टनंट जनरल राजेश पंत ने प्रदान की है।

सायबर सुरक्षा की बड़ी चुनौती देश के सामने खड़ी है। कोरोना के संकटकाल में बदली कार्यपद्धति की वजह से इस मोर्चे पर नई चुनौतियाँ खड़ी हुई हैं। सायबर हमलों की मात्रा कई गुना बढ़ी है। इससे हमारी प्रणाली में मौजूद कई खामियाँ सामने आय हैं। इसी के साथ कई उपाय भी प्राप्त हुए हैं, ऐसा पंत ने कहा। बीते वर्ष मुंबई की बिजली सप्लाई बाधित हुई थी। इस संकट के बाद ऊर्जा विभाग द्वारा बिजली निर्माण, वितरण समेत अन्य विभागों के लिए अलग अलग कॉम्प्युटर इमर्जन्सी रिस्पान्स दलों का निर्माण करने की बात लेफ्टनंट जनरल राजेश पंत ने रेखांकित की।

इसके अलावा चीन की सायबर घुसपैठ का खतरा पहचानकर सरकारी उपकरण खरीदते समय सावधानी बरती जा रही है। दूरसंचार, ऊर्जा एवं रक्षा उपकरण खरीदते समय विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ऐसा पंत ने कहा। इसके अलावा सायबर गुनाहगारी में संगठित अपराधिक गिरोह में शामिल हुए हैं। यह गिरोह फिरौती वसूलने के लिए अब ‘वॉईस इंटरनेट प्रोटोकॉल’ के माध्यम से संपर्क कर रहे हैं, ऐसा पंत ने कहा। 

सायबर गुनाहगारी में मोबाईल की भूमिका बड़ी मात्रा में सामने आयी है। ‘इंडियन सायबर क्राईम को-ऑर्डिनेशन सेंटर’ ने मोबाईल के ज़रिये हो रहे सायबर गुनाहों की जानकारी संकलित की है। मोबाईल को १५ तरीकों से हैक किया जा सकता है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है, इस ओर पंत ने ध्यान आकर्षित किया। इस वजह से सभी स्तरों पर सावधान रहना, ध्यान रखना आवश्‍यक हो गया है। हम शरीर को स्वस्छ रखते हैं उसी तरह सायबर सुरक्षा के लिए ‘हाइजिन’ की आवश्‍यकता होने की बात पंत ने रेखांकित की।

भारत की सायबर सुरक्षा के लिए नई चुनौतियों का विचार करके राष्ट्रीय नीति की आवश्‍यकता है। और ऐसी नीति तैयार की जा रही है। इसी वर्ष में यह नीति तय होगी, यह बात पंत ने स्पष्ट की। सुरक्षित, संरक्षित, मज़बूत, गतिशील और भरोसेमंद सायबर क्षेत्र भारत की इस नीति का उद्देश्‍य है। नई सायबर नीति के तहत सायबर खतरों के अलग अलग अंगों का सामना करने के लिए ‘गाईडलाईन्स’ जारी किए जाएँगे। सायबर सुरक्षा के लिए आवश्‍यक प्रावधान एवं संसाधनों का निर्माण, सायबर ऑडिट जैसे प्रावधान भी किए जाएँगे। डाटा सुरक्षित रखने पर भी जोर दिया जाएगा। सायबर सुरक्षा नीति तय करते समय ८० अलग अलग मुद्दों का विचार किया गया है, यह जानकारी पंत ने प्रदान की।

इसी बीच, बीते वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने भी मौजूदा सायबर चुनौतियों का ज़िक्र करते समय सायबर स्पेस में फैला विशाल डाटा एक सोने की खदान है और इससे जानकारी की चोरी होना खतरनाक होगा, ऐसा कहा था। साथ ही इस वजह से हमें ‘ऑनलाईन’ कारोबार करते समय चौकन्ना रहना पड़ेगा, यह स्पष्ट इशारा भी उन्होंने दिया था।

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