यूरोप की सुरक्षा के लिए सिर्फ अमरीका पर निर्भर नहीं रहना चाहिए – यूरोपियन डिफेन्स एजेन्सी के प्रमुख का दावा

ब्रुसेल्स/वॉशिंग्टन – ‘रशिया-यूक्रेन युद्ध ने यूरोपिय देशों की रक्षा क्षमता के कच्चे मुद्दे एवं खामियां सामने लायी हैं। इन खामियों को दूर करने के लिए महासंघ ने एकसाथ हथियार खरीदने पर जोर देना चाहिए। लेकिन, इसके लिए सिर्फ अमरीका पर निर्भर नहीं रहा जा सकता’, यह दावा ‘यूरोपियन डिफेन्स एजेन्सी’ के प्रमुख जिरि सेडिवि ने किया।

रशिया के यूक्रेन पर हमले के बाद अमरीका और नाटो के यूरोपियन सदस्य देशों ने यूक्रेन को रक्षा सहायता देना शुरू किया था। अब तक यूरोपियन देशों ने पांच अरब डॉलर्स से अधिक कीमत के हथियार और रक्षा यंत्रणा प्रदान की है और अगले साल भी यह सहायता जारी रखने के संकेत दिए हैं। यूरोपिय महासंघ से हथियारों की यह सहायता प्रदान करने में फ्रान्स, जर्मनी और पोलैण्ड का योगदान सबसे अधिक होने की बात सामने आयी है।

लेकिन, यूक्रेन को बड़ी मात्रा में हथियार देने के बाद यूरोपियन देशों के हथियारों के भंड़ार काफी घट गए हैं और जर्मनी जैसे देश के भंड़ारण में मात्र कुछ ही दिन लड़ने के लिए पर्यात हथियार बचे हैं। नए हथियार और रक्षा बलों के आधुनीकीकरण के लिए जर्मनी ने १०० अरब युरो की महत्वाकांक्षी योजना भी घोषित की है। इसमें अमरीका से भारी मात्रा में हथियार खरीदने के संकेत दिए गए हैं।

लेकिन, यूरोप की सुरक्षा के लिए अमरीका की ढ़ाल हमेशा के लिए उपलब्ध रहेगी, इस भ्रम में नहीं रहें, इस पर ‘यूरोपियन डिफेन्स एजेन्सी’ के प्रमुख जिरि सेडिवि ने ध्यान आकर्षित किया। अमरीका कुछ समय बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर अधिक ध्यान देगी और ऐसे समय में इस देश से हर तरह के हथियार और यंत्रणा प्राप्त होने की संभावना धुंधली है, यह दावा भी सेडिवि ने किया।

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