प्रदर्शनकारी को फांसी होने से ईरान में शुरू प्रदर्शन तीव्र होने की संभावना

तेहरान – प्रदर्शन करने के आरोपों के तहर गिरफ्तार किए एक को ईरानी हुकूमत को फासी देने का ऐलान किया। रिवोल्युशनरी अदालत ने जिन अन्य प्रदर्शनकारियों को सज़ा सुनाई है, उन्हें भी जल्द ही फांसी दी जाएगी, यह ईरान ने स्पष्ट किया। लेकिन, इस घटना के बाद ईरान में हुकूमत विरोधी प्रदर्शनों की तीव्रता बढ़ेगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी की बहेन ने खत लिखकर अपने भाई की हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया है। रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ के सैनिक हथियार नीचे रखे, यह आवाहन भी खामेनी की बहेन ने किया है।

कुछ दिन पहले ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला अली खामेनी की भांजी फरीदेह मोरादखानी ने हिज़ाब सख्ति विरोधी शुरू हुए प्रदर्शनों का समर्थन किया था। साथ ही पूरे विश्व के देशों से ईरान के ताल्लुकात तोड़ने की गुहार भी लगाई थी। ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने फरीदेह को गिरफ्तार करने की खबरें प्राप्त हुई थी। इस वजह से खामेनी की बांजी ईरानी हुकूमत के खिलाफ होने की चर्चा शुरू हुई थी।

अब खामेनी की बहेन बद्री हुसैनी खामेनी ने फ्रान्स स्थित अपने बेटे को लिखे खत में ईरान में हो रहे प्रदर्शनों का समर्थन किया।‘ईरान की इस्लामी क्रांति के जनक रुहोल्ला खोमेनी और इसके बाद ईरान की बागड़ोर संभालने वाले हमारे भाई अली खामेनी ने ईरानी जनता को सीर्फ दर्द दिया और उनपर अत्याचार ही किए। ईरान की जनता को आज़ादी, समृद्धी चाहिये और इसके लिए उन्होंने किया विद्रोह जायज हैं’, ऐसी तीखीं आलोचना बद्री खामेनी ने की।

‘जनता की मांग अनदेखा कर रहा हमारा भाई सम्मान के काबिल नहीं होता। खोमेनी से खामेनी तक के कार्यकाल में ईरानी जनता पर हुए अन्याय का हम सार्वजनिक निषेध करते हैं। अली खामेनी के नियंत्रण की रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ और अन्य कान्ट्रैक्ट पर रखे सैनिक उचित समय पर हथियार त्याग कर प्रदर्शनों में शामिल हो, नहीं तो काफी देरी होगी’, यह इशारा बद्री खामेनी ने दिया। इसी बीच ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष मोहम्मद खातामी ने भी हिजाब सख्ति विरोध में शुरू हुए प्रदर्शनों का स्वागत किया। साथ ही खामेनी की हुकूमत प्रदर्शनकारियों की मांग का विचार करें, यह सुझाव खातामी ने दिया हैं।

१६ सितंबर को माहसा अमिनी नामक युवति की मौत होने के बाद ईरान में हिजाब सख्ति विरोधी तीव्र प्रदर्शन शुरू हुए। मात्र कुछ ही दिनों में पूरे ईरान में फैले इन प्रदर्शनों में स्कूल-कॉलेज के छात्राओं के साथ विभिन्न क्षेत्र में नामांकित भी शामिल हुए थे। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने की हुई कार्रवाई में ४०० से भी अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों के हमलों में सुरक्षा सैनिकों के मारे जाने का आरोप ईरान लगा रहा है।

ईरान को अस्थिर करने के लिए अमरीका, इस्रायल और सौदी अरब ने यह हिंसा शुरू की है, यह आरोप लगाकर ईरान ने प्रदर्शनकारियों को दंगावर घोषित किया था। साथ ही इस मामले में १६ हज़ार से भी अधिक की गिरफ्तारी की थी। पिछले महीने इनमें से कुछ लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई गई ती। इनमें से ईरान में मानव अधिकार कार्यकर्ता कहे जा रहे मोहसिन शेकारी को गुरूवार सुबर फांसी देने का ऐलान ईरान की यंत्रणाओं ने किया। आतंक निर्माण करने के मामले मे सज़ा सुनाई गई अन्य आरोपियों को भी जल्द ही फांसी देने का ऐलान न्याय विभाग के प्रमुख घोलम हुसेन मोहसिन-एजेई ने किया। इसी बीच, शेकारी को फांसी होने के बाद ईरान में प्रदर्शनों का नए से विस्फोट होने की संभावना जताई जा रही हैं।

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