चीन के खतरे के मद्देनज़र जापान-ऑस्ट्रेलिया के बीच नया रक्षा समझौता

पर्थ – चीन की बढ़ती आक्रामकता की वजह से बिगड़ रही क्षेत्रीय सुरक्षा की पृष्ठभूमि पर जापान और ऑस्ट्रेलिया ने नया विशेष रक्षा समझौता किया। इस समझौते की वजह से दोनों देशों की सेनाएं संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगीं, साथ ही संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान भी बढ़ेगा। चीन की सैन्य गतिविधियों की वजह से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों का रक्षा सहयोग बढ़ रहा है, यह बात इस अवसर पर फिर से स्पष्ट हुई। कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया ने अपने पड़ोसी द्विप देशों के साथ विभिन्न समझौते किए थे।

पंद्रह साल पहले, वर्ष २००७ में जापान और ऑस्ट्रेलिया में रक्षा सहयोग स्थापित हुआ था। इसी बीच जापान की रक्षा नीति काफी सीमित थी। इस वजह से ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा सहयोग करते समय भी चीन के खतरे को ज्यादा अहमियत नहीं दी गई थी, ऐसा दावा जापान और ऑस्ट्रेलिया के माध्यम कर रहे हैं। लेकिन, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री एबे शिंजो ने अपने देश की रक्षा नीति में आक्रामक बदलाव किए। तब से चीन और उत्तर कोरिया से अपनी सुरक्षा का खतरे के मद्देनज़र जापान ने रक्षा खर्च बढ़ाकर मित्रदेशों के साथ रक्षा समझौतों की आक्रामकता भी बढ़ाई है।

ऐसी स्थिति में जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने जनवरी महीने में ही ऑस्ट्रेलिया के उस समय के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिनस के साथ नया रक्षा समझौता करने पर चर्चा की थी। इसमें दोनों देशों की सेना के संयुक्त युद्धाभ्यास का समावेश किया गया था। जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की हुई इस चर्चा की चीन ने आलोचना की थी। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया में सत्ता परिवर्तन होने के बाद यह समझौता पीछे छुटा था। शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ नया रक्षा समझौता करने के लिए पर्थ पहुंचे प्रधानमंत्री किशिदा ने ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से मुलाकात की।

इस नए समझौते की वजह से जापान की सेना ऑस्ट्रेलिया में प्रशिक्षण पाएगी और संयुक्त युद्धाभ्यास भी करेगी। इससे पहले जापान ने अमरीका के साथ इस तरह का समझौता किया है। साथ ही जापान और ऑस्ट्रेलिया के हितों के खतरों की संवेदनशील जानकारी का आदान-प्रदान भी मुमकिन होगा। इससे जापान और ऑस्ट्रेलिया के सैन्य सहयोग को नई उंचाई प्राप्त होगी और इस क्षेत्र को तगड़ा संदेश मिलेगा, ऐसा दावा प्रधानमंत्री अल्बानीज ने किया। इस समझौते के कारण अगले दस सालों के लिए दोनों देशों की सुरक्षा और रक्षा नीति को दिशा मिलेगी, ऐसा प्रधानमंत्री किशिदा ने कहा।

इसी बीच, पिछले कुछ महीनों में जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों की यह दूसरी मुलाकात है। ईस्ट और साऊथ चायना सी में चीन की सैन्य गतिविधियों का जापान ने तीव्र विरोध किया है। इसी के साथ दक्षिणी गोलार्थ के द्वीप देशों में चीन कर रहे समझौते पर भी ऑस्ट्रेलिया ने आपत्ति जताई थी।

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