इम्रान खान पर कार्रवाई होने के बाद पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरू

इस्लामाबाद – पाकिस्तान के इलेक्शन कमिशन द्वारा कार्रवाई किए जाने से पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान को अगले पांच सालों के लिए कोई भी अधिकारपद स्वीकार नहीं सकते। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हुए दूसरे देशों से प्राप्त हुए तोहफों की इम्रान खान ने धांदली की, ऐसा आरोप लगाया गया था। इस पर इलेक्शन कमिशन ने यह कार्रवाई की है। लेकिन, इस निर्णय की हिंसक गूंज कराची, पेशावर और राजधानी इस्लामाबाद में सुनाई दे रही है और वहां पर इम्रान खान के समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर आगजनी शुरू की है। इम्रान खान की पार्टी के नेता ही जनता को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने का आवाहन कर रहे हैं और इसकी वजह से प्रमुख शहरों के साथ पाकिस्तान के अन्य ठिकानों पर भी खान समर्थकों ने हिंसक हरकतें शुरू की हैं।

इम्रान खान पर कार्रवाई होने के बाद पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन शुरूइलेक्शन कमिशन का यह निर्णय नहीं स्वीकारा जा सकता, उनसे न्याय की उम्मीद ही नहीं थी, ऐसा इम्रान खान की ‘पाकिस्तान तेहरिक-ए-इन्साफ’ (पीटीआई) पार्टी के नेता फवाद चौधरी ने कहा है। अब पाकिस्तान की जनता ही सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू करे। इलेक्शन कमिशन ने इम्र्रान खान को अपात्र घोषित करके २२ करोड़ जनता को अपात्र करार दिया है, ऐसा दावा फवाद चौधरी ने किया। इस निर्णय को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी, ऐसा ‘पीटीआई’ के अन्य नेता असद उमर ने घोषित किया। लेकिन, खान के समर्थक इस निर्णय के खिलाफ अदालत में लड़ने के बजाय सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार को सबक सिखाने की तैयारी करते दिख रहे हैं। इस्लामाबाद और पेशावर के ‘मोटर वे’ प्रदर्शनकारियों ने बंद किए हैं और वहां पर आगजनी भी हो रही है।

इलेक्शन कमिशन ने यह निर्णय घोषित करने से पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री इम्रान खान ने देशव्यापी प्रदर्शन शुरू करने का ऐलान किया था। पाकिस्तान के उप-चुनावों में कामयाबी मिलने के बाद इम्रान खान ने अक्तुबर में ही शाहबाज शरीफ की सरकार को सबक सिखाने की धमकी दी थी। पाकिस्तान की जनता सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री शरीफ की सरकार गिराएगी। इससे बचना हो तो पाकिस्तान की सरकार जल्द से जल्द चुनावों की घोषना करे, ऐसी चेतावनी इम्रान खान ने दी थी। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान में हो रहे हिंसक प्रदर्शन इतने में बंद नहीं होंगे, ऐसे कड़े आसार नजर आ रहे हैं।

इम्रान खान को पाकिस्तान के युवावर्ग का साथ है, ऐसा दावा उनके समर्थन कर रहे पत्रकार और विश्लेषक कर रहे हैं। इम्रान खान पाकिस्तान की सत्ता पर थे तब उन्होंने अमरीका के प्रभाव से पाकिस्तान को मुक्त करने की कोशिश की थी और इसके लिए उन्होंने चीन से सहायता ली थी। लेकिन, अमरीका को चीन के प्रभाव वाला पाकिस्तान मंजूर नहीं है। इसकी वजह से अमरीका ने ही साज़िश करके इम्रान खान की सरकार गिरगायी। अब भी इम्रान खान पर पाकिस्तान की इलेक्शन कमिशन ने की कार्रवाई के पीछे अमरीका और पश्चिमी देशों का हाथ होने का दावा कुछ पत्रकारों ने किया है। इसके साथ ही इम्रान खान को राजनीतिक नज़रिये से खत्म करने के पीछे पाकिस्तान के बाज़ारों को भारत से जोड़कर एक बड़े बाज़ार का निर्माण करने की साज़िश पश्चिमी देशों ने रची है, ऐसा दावा इम्रान खान का समर्थन कर रहे पत्रकारों ने किया है। इस साज़िश के खिलाफ पाकिस्तान की जनता एकजुट करे, ऐसा सुझाव यह पत्रकार दे रहे हैं।

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