ईंधन क्षेत्र में निवेष की हुई कमी ही वैश्विक ऊर्जा संकट का मूल – विश्व की प्रमुख ईंधन कंपनी ‘अराम्को’ के प्रमुख का दावा

ऊर्जा संकटबर्न – पूरे विश्व में उभरें ऊर्जा संकट के लिए यूक्रेन का संघर्ष ज़िम्मेदार नहीं, बल्कि ईंधन क्षेत्र में निवेष की कमी होना एवं अपर्याप्त विकल्प एवं बैकअप प्लैन की कमी ही प्रमुख कारण हैं, ऐसा आरोप विश्व की प्रमुख ईंधन कंपनी ‘अराम्को’ के प्रमुख ने लगाया। स्वित्झर्लैण्ड में आयोजित ‘श्लुम्बर्गर डिजिटल फोरम २०२२’ में बोलते हुए अराम्को के प्रमुख अमिन नासेर ने पश्चिमी देशों के निर्णयों की तीव्र आलोचना की। ऊर्जा कंपनियों पर कर और बिजली के बिलों पर मर्यादा लगाकर विश्व के ऊर्जा संकट का हल नहीं प्राप्त होगा, ऐसी फटकार भी नासेर ने इस दौरान लगायी।

ऊर्जा संकटपिछले कुछ महीनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन एवं बिजली की कीमतों का भारी उछाल देखा गया है। इस वजह से महंगाई भी काफी उछाल पर है और पश्चिमी देशों के साथ कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को इससे नुकसान पहुँचा हैं। साथ ही विश्वभर में करोड़ों लोगों को ‘कॉस्ट ऑफ लिविंग क्राइसिस’ के संकट का भी सामना करना पड़ रहा हैं। इस सबका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी होगी, ऐसें अनुमान जताए जा रहे हैं। इसके लिए रशिया-यूक्रेन युद्ध ज़िम्मेदार होने के दावे पश्चिमी विश्लेषक एवं अभ्यासगुट कर रहे हैं।

ऊर्जा संकटलेकिन, ईंधन उत्पादन क्षेत्र का प्रमुख देश सौदी अरब की प्रमुख ईंधन कंपनी अराम्को के प्रमुख ने इस संभावना को स्पष्ट शब्दों में ठुकराया। ऊर्जा संकट तीव्र होने के लिए यूक्रेन का संघर्ष ज़िम्मेदार साबित हुआ हो, फिर भी असल संकट गलत नीति और निर्णयों के कारण उभरा हैं, इसका अहसास अराम्को के प्रमुख नासेर ने कराया। ‘पिछले दशक से ही ऊर्जा संबंधित नीति में खतरे के आसार दिखाई देना शुरू हुआ था। तेल और नैसर्गिक ईंधन वायु क्षेत्र में निवेष कम हुआ तो इस क्षेत्र की माँग की तुलना में आपूर्ति कम हो सकती हैंष इसके गंभीर परिणाम अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के साथ आम जनता को भुगतने पड़ेंगे, इस ओर हम जैसें कई लोग लगातार ध्यान आकर्षित कर रहे थे’, यह दावा नासेर ने किया।

‘साल २०१४ के बाद सात सालों में तेल और ईंधन वायु क्षेत्र का निवेष ५० प्रतिशत से भी अधिक कम हुआ है। साल २०१४ के पहलें यह निवेष ७०० अरब डॉलर्स था। अब यह महज ३०० अरब डॉलर्स तक सीमित हुआ है। इस साल यह निवेष कुछ मात्रा में बढ़ता दिख रहा हैं फिर भी यह निवेष काफी कम और देरी से हुआ हैं’, इसपर भी अराम्को के प्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। ईंधनक्षेत्र को लेकर जताए गए अनुमान गलत साबित होने का आरोप नासेर ने इस दौरान लगाया। कच्चे तेल का इस्तेमाल कर रहें क्षेत्र ईंधन के विकल्प को अपनाएँगे और हरित ऊर्जा के विकल्प भारी मात्रा में उपलबद्ध होंगे, ऐसें किए गए दावे झूठ साबित हुए, ऐसी आलोचना उन्होंने की। इसी बीच यूरोप को इस साल अधिक ठंड़े और जमानेवाले ठंड़ का सामना करने की तैयारी रखनी होगी, यह चेतावनी भी अराम्को के प्रमुख ने दी।

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