अफगानिस्तान में रक्तपात रोकने के लिए भारत का आवाहन

मॉस्को – अफगानिस्तान में चल रहे हिंसाचार पर गंभीर चिंता ज़ाहिर कर के भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तुरंत इस रक्तपात को रोकने का आवाहन किया है। तालिबान अफगानिस्तान की अधिक से अधिक भूमि पर कब्ज़ा कर रहा है, ऐसे में भारत के विदेश मंत्री ने इस देश पर राज्य करने के वैध अधिकार का मुद्दा उपस्थित किया है। रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह के साथ हुई चर्चा के बाद आयोजित की गई संयुक्त पत्रकार परिषद में विदेश मंत्री जयशंकर बात कर रहे थे।

भारत के विदेश मंत्री रशिया के तीन दिन के दौरे पर हैं। अफगानिस्तान में चल रही गतिविधियों पर चर्चा, यह विदेश मंत्री के रशिया दौरे के पीछे का प्रमुख मुद्दा बताया जाता है। अफगानिस्तान में तालिबान का लष्कर आगे बढ़ना शुरू हुआ होकर, अफगानी लष्कर को तालिबान से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है, ऐसी खबरें आ रही हैं। अमरीका ने अफगानिस्तान से सेना वापसी तेज़ की होकर, उसी मात्रा में तालिबान की आक्रामकता बढ़ती चली जा रही है। तालिबान को अफगानिस्तान पर पूरा कब्ज़ा करने में अगर सफलता मिली, तो उसके विपरीत परिणाम होंगे, ऐसा सभी पड़ोसी देशों को लगने लगा है। इस पृष्ठभूमि पर, अफगानिस्तान की परिस्थिति का संपूर्ण क्षेत्र की सुरक्षा पर असर हो रहा है, ऐसा दावा विदेश मंत्री जयशंकर ने किया।

रशियन विदेश मंत्री सर्जेई लॅव्हरोव्ह के साथ अफगानिस्तान की परिस्थिति पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करके, विदेश मंत्री जयशंकर ने इस देश में खून खराबा तुरंत रोकने का आवाहन किया है। अफगानिस्तान में और अफगानिस्तान के आसपास शांति स्थापित हुए बगैर इस देश की समस्या नहीं सुलझेगी। हिंसा से अफगानिस्तान का मसला हरगिज़ सुलझ नहीं सकता, यह बताकर जयशंकर ने राजनीतिक चर्चा के लिए आग्रही भूमिका रखी। साथ ही, अफगानिस्तान में राज्य करने के वैध अधिकारों का मुद्दा उपस्थित करके, जयशंकर ने तालिबान को यह एहसास करा दिया कि ताकत का इस्तेमाल करके अफगानिस्तान पर राज्य नहीं किया जा सकता।

इसी बीच, भारत ने अपनी पहले की भूमिका कुछ हद तक नर्म करके तालिबान से चर्चा शुरू की होने के दावे सामने आ रहे हैं। अधिकृत स्तर पर भारत और तालिबान ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है। लेकिन अब तक अफगानिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास और दूतावास के कर्मचारियों पर तालिबान ने हमला नहीं किया है। यह बात गौरतलब होकर, तालिबान इसके द्वारा भारत को आश्वस्त कर रहा होने के दावे विश्लेषक कर रहे हैं।

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