ईरान में हुकूमत के खिलाफ नए प्रदर्शन – राजधानी तेहरान समेत अन्य हिस्सों में ईरान के सर्वोच्च नेताओं के खिलाफ नारेबाज़ी

तेहरान – पिछले कुछ दिनों की शांति के बाद ईरान में फिर से हुकूमत विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए हैं। राजधानी तेहरान के अलावा ईरान के प्रमुख शहरों में सैंकड़ों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के वीडियो‍ सामने आए हैं। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने आगजनी करके ईरान के सर्वोच्च नेताओं के खिलाफ जोरदार नारेबाज़ी करने की खबरें भी सामने आयी हैं। ईरान में हुकूमत द्वारा प्रदर्शनकारियों को फांसी देने पर गुस्सा भी व्यक्त किया गया। इसी बीच, ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने हुकूमत विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन करने वाले यूरोप स्थित विद्रोही ईरानी नेताओं की हत्या करने की साज़िश रचने का दावा भी किया जा रहा है।

१६ सितंबर के दिन कुर्द युवति माहसा अमिनी की संदिग्ध मौत के बाद ईरान में हुकूमत विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए थे। ईरान के प्रत्येक गुट ने इन प्रदर्शनों का समर्थन किया और यह प्रदर्शन कुचलने के लिए ईरान की सुरक्षा यंत्रणा ने कार्रवाई करने से ५२९ प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और लगभग २०,००० को गिरफ्तार करने की जानकारी स्थानीय मानव अधिकार संगठन ने दी। इनमें से पांच प्रदर्शनकारियों को ईरान ने फांसी की सज़ा सुनाई थी। पिछले महीने ईरान की यंत्रणा ने दो युवाओं को फांसी पर चढ़ाया था। ईरान की संस्कृति के अनुसार मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए ४० दिन तक शोक मनाया जाता है।

गुरूवार को यह शोक काल खत्म हुआ और इसके साथ ही ईरान के शहरों में हुकूमत विरोधी प्रदर्शन फिर से शुरू हुए। ईरान की सरकारी वृत्तसंस्था ने इन प्रदर्शनों का प्रसारण करना टाल दिया। लेकिन, तेहरान समेत अराक, इस्फाहन, इज़ेह, कराज, सनांदज, रश्त, होरमोज़गान शहरों में प्रदर्शन किए गए थे, ऐसा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने सोशल मीडिया पर जारी जानकारी और वीडियोज्‌‍ का दाखिला देते हुए कहा है। खास बात तो यह है कि, कुर्द वंशियों के इलाकों के साथ ही ईरानी हुकूमत के प्रभाव वाले शहरों में भी यह प्रदर्शन हुए।

राजधानी तेहरान और सनांदज शहर में प्रदर्शनकारियों ने ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी के खिलाफ ‘तानाशाह का विनाश हो’, ऐसे नारे लगाए। इससे पहले भी ईरान में हुए प्रदर्शनों में देश पर पूरा अधिकार रखनेवाले खामेनी के खिलाफ गुस्सा व्यक्त किया गया था। ईरान की इस्लामिक क्रांति के संस्थापक आयातुल्ला खोमेनी के खिलाफ भी नारेबाज़ी होती र्हुई इन प्रदर्शनों में देखी गई थी। इसके पीछे अमरीका, सौदी अरब, इस्रायल और ईरान के हुकूमत विरोधी गुट ज़िम्मेदार होने का आरोप ईरान ने लगाया था।

लेकिन, पिछले चार महीनों में ईरान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री, राजनीतिक प्रभाव वाले वरिष्ठ नेता और धार्मिक नेता भी इन प्रदर्शनों के समर्थन में उतरे थे। इसकी वजह से ईरान की हुकूमत को घेरने का दावा किया जा रहा है। इन प्रदर्शनों की वजह से आयातुल्ला खामेनी की लोकप्रियता कम होने की बात कही जा रही है। ईरान की हुकूमत के प्रभाव वाले कोम शहर में भी सरकार विरोधी प्रदर्शन किए गए थे। साथ ही कोम शहर के स्कूली छात्रों को ज़हर देने का आरोप भी लगाया जा रहा है। ३० नवंबर को यहां के १२ स्कूलों की २०० छात्राओं और एक महिला शिक्षक को संदिग्ध तरीके से विषाक्तता हुई। इसका पुख्ता कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।

इसी बीच पश्चिमी देशों से ईरान की हुकूमत विरोधी प्रदर्शन शुरू करने वाले ईरानी नेताओं को हटाने की तैयारी रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ ने की है, ऐसा पश्चिमी माध्यमों का कहना है।

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