ब्रिटेन के वित्त विभाग और सेंट्रल बैंक द्वारा ‘डिजिटल करन्सी’ की गतिविधियां तेज़ – ब्रिटीश अखबार का दावा

लंदन – भविष्य में ब्रिटेन में डिजिटल पौंड़ का इस्तेमाल शुरू करने की आवश्यकता है, ऐसा ब्रिटेन के वित्त विभाग और सेंट्रल बैंक ने कहा है। वित्त विभाग और ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने इस विषय में संयुक्त रपट तैयार की है और इसमें इस जरुरत को बयान किया है। ब्रिटेन के प्रमुख अखबार ने इससे संबंधित दावा किया है। ब्रिटेन २०२० ने ‘सेंट्रल बैंक डिजिटल करेन्सी’ अर्थात ‘सीबीडीसी’ की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया था। जुलाई २०२१ में ब्रिटेन के पूर्व वित्तमंत्री ऋषि सुनाक ने देश के ‘डिजिटल करेन्सी’ का नाम ‘ब्रिटकॉईन’ होगा, यह संकेत दिए थे।

ब्रिटेन के प्रमुख अखबार ‘द टेलिग्राफ’ ने देश का वित्त विभाग और बैंक ऑफ इंग्लैण्ड ने डिजिटल करन्सी संबंधी रपट बनाने का वृत्त जारी किया। इसमें अगले कुछ ही दिनों में सरकार द्वारा यह रपट पेश की जाएगी, यह दावा किया गया है। ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ के डेप्युटी गवर्नर जॉन कन्लिफ मंगलवार को देश के वित्त एवं उद्योग विभाग को डिजिटल करन्सी संबंधित संबोधित करेंगे, ऐसा ब्रिटीश अखबार ने अपने वृत्त में कहा है। तब वर्णित रपट की जानकारी सार्वजनिक होगी, यह भी कहा गया है।

ब्रिटीश अखबार ने इस रपट का कुछ हिस्सा अपने पास होने का दावा करके कहा कि, सरकार ने डिजिटल करेन्सी की तैयारी गतिमान करने का दावा किया है। ब्रिटेन सरकार ने डिजिटल करन्सी के विषय में अध्ययन करके ‘डिजिटल पौण्ड’ भविष्य की ज़रूरत है, ऐसा अनुमान बैंक ऑफ इंग्लैण्ड और वित्त विभाग ने व्यक्त किया है। डिजिटल पौंड की अगली प्रक्रिया शुरू करनी होगी’, ऐसा निवेदन वर्णित रपट में किया गया है। यह निवेदन ब्रिटेन के वित्त मंत्री जेरेमी हंट और बैंक ऑफ इंग्लैण्ड के प्रमुख एण्ड्य्रू बेली का होने का दावा भी ‘द टेलिग्राफ’ ने किया है।

पिछले कुछ सालों से पूरे विश्व में क्रिप्टोकरेन्सी का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है। साथ ही इस क्षेत्र में काफी बड़ी मात्रा में गलत कारोबार और धांदली होने के मामले सामने आ रहे हैं। प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञ एवं निवेशकों ने क्रिप्टोकरेन्सी को ‘पॉन्झि स्कीम’ करार दिया है। वहीं दूसरी ओर विश्व के प्रमुख देशों ने डिजिटल करेन्सी शुरू करने की दिशा में तेज़ कदम बढ़ाने शुरू किए हैं।

अमरिकी अध्ययन मंडल ‘अटलांटिक कौन्सिल’ की रपट के अनुसार अब तक विश्व के ११ देशों ने डिजिटल करेन्सी का इस्तेमाल शुरू किया है। इनमें कैरेबियन क्षेत्र के दस देशों के अलावा अफ्रीका के नाइजीरिया का समावेश है। विश्व में दूसरे क्रमांक की अर्थव्यवस्था चीन ने पिछले कुछ सालों से डिजिटल करेन्सी का ‘पायलट प्रोजेक्ट’ सफल हुआ है और वह जल्द ही ‘डिजिटल करेन्सी’ शुरू करेगा, ऐसा दावा किया जा रहा है।

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