सऊदी का भड़का उड़ानेवाले येमन के हौथी बागी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवर्ष २०१५ में येमन के राष्ट्राध्यक्ष मंसूर हादी के विरुद्ध अन्सरुल्ला हौथी के बीच संघर्ष हुआ था| हादी की सरकार अन्सरुल्ला हौथी एवं उनके समर्थकों को मंजूर नहीं थी| उन्होंने यह सरकार उठाई थी और राजधानी ‘सना’ पर कब्जा किया था| उसके बाद केवल कुछ ही घंटों में हौथी की समांतर सरकार स्थापित हुई| हौथी बागियों के पीछे ईरान का समर्थन था, ऐसी चर्चा शुरु थी| तथा सौदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मित्र देशों ने राष्ट्राध्यक्ष हादी के पीछे अपना समर्थन खडा किया एवं सौदी ने हादी को आश्रय दिया था|

उस दौरान प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के हाथ में सौदी के सत्ता आई थी| सौदी के रक्षामंत्री के तौर पर कार्यरत होनेवाले प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हौथी बागियों को सबक सिखाने के लिए मित्र देशों की एकजुट करते हुए, येमन के बागियों पर हमला किया| सौदी एवं मित्र देशों के कड़े हमलों की वजह से हौथी बागियों की पीछेहाट शुरू हुई| पर ईरान से बडे तादाद में शस्त्र एवं वित्त सहायता मिलनेवाले हौथीयों ने सौदी के मोर्चे के विरोध में लड़ने की जोरदार तैयारी शुरू की|

इस रूप से ईरान समर्थक हौथी बागी और सौदी अरब एवं मित्र देशों के मोर्चा का घनघोर संघर्ष येमन में शुरू हुआ| इस संघर्ष में येमन के ३१.५ लाख लोग बेघर बने हैं और इस संघर्ष की वजह से ८५ हजार बच्चों की भुखमरी से बलि गई| इस बारे में चौकानेवाली खबरें सामने आते समय, येमन में संघर्ष रुका नहीं है| हौथी बागियों को ईरान से मिलनेवाले शस्त्र और अन्य सहायता का मुद्दा पाश्चात्य देश उपस्थित कर रहे हैं| ईरान इन सभी आपत्ति को जिम्मेदार होने का आरोप पाश्चात्य लोगों से किया जा रहा था| पर सौदी अरब ने इस संघर्ष में मानव अधिकार का हनन करने का आरोप किया गया था|

हौथी बागियों के पास हजार किलोमीटर तक हमला करने की क्षमता होना संभव नहीं, यह सब कुछ ईरान ने किया है| हौथी द्वारा ईरान को येमन पर नियंत्रण प्राप्त करना है| यह सौदी अरब के विरोध में ईरान ने शुरू किए छिपे युद्ध का भाग है, ऐसी चेतावनी सौदी अरब ने दी थी| इतना ही नहीं बल्कि ईरान ने हौथी के लिए भेजा शस्त्र भंडार जप्त करके उसके सबूत सौदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने प्रस्तुत किए थे| ईरान ने उनपर लगे आरोप ठुकराए हैं एवं सौदी अरब को युद्ध जीतता नहीं आ रहा इसलिए ऐसे कारण दे रही है, ऐसी टिप्पणी ईरान के नेता कर रहे हैं|

केवल सौदी अरब ही नहीं बल्कि हौथी बागियों को इस्राइल एवं अमरिका का भी विरोध है| जिसकी वजह से अमरिका हौथी के विरोध में इस युद्ध में सौदी को सहायता करती आ रही है| पर शनिवार को सौदी अरब के प्रमुख ईंधन परियोजना पर हुए हमले की जिम्मेदारी का स्वीकार करते हुए, हौथी बागियों ने खाड़ी एवं पर्शियन खाड़ी में हडकंप मचाया है| इसके बाद भीषण परिणाम करनेवाली घटनाओं की श्रृंखला शुरू होने की बात स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी है|

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