एम्बेडिंग -३

पिछले लेख में हमने ‘हम जीफ इमेजेस् कैसे बनानी है, उनके उपयोग से होनेवाला फायदा और साथ ही हम उन्हें अपने वेबसाईट/ब्लॉग में एम्बेड कैसे कर सकते हैं’, यह देखा था। इसी लेख में मैंने ऐसा भी कहा था कि केवल विडियो इमेजेस् एवं गानों को ही एम्बेड किया जा सकता है, ऐसा बिलकुल भी नहीं है, बल्कि एम्बेडिंग की संभावनाएँ काफी विस्तारित हैं। उनमें से कुछ के बारे में अब हम चर्चा करेंगे।

scribdवर्ड, एक्सेल एवं पावरपॉईंट फाइल्स को एम्बेड करना

जिस वक्त हम ई मेल के माध्यम से एक-दूसरे के साथ संभाषण करते हैं, उस समय हम ई मेल में कुछ लेख तो लिखते ही हैं, परन्तु कभी-कभी ये लेख ई मेल में डालना संभव नहीं होता है। फिर ऐसे में वर्ड, एक्सेल एवं पावरपॉईंट फाइल्स अटॅचमेंट के रूप में भेजकर भी हम संवाद करते ही हैं। परन्तु यह तो हुआ अपना स्वयं का विशेष एवं ईमेल पर होनेवाला संवाद। परन्तु यही संवाद अर्थात यही दस्तावेज (डॉक्युमेंट्स्) मान लो कि हम सार्वजनिक तौर पर ई मेल के अतिरिक्त अपने वेबसाईट अथवा ब्लॉग के माध्यम से दूसरों को भी उपलब्ध करवाने हैं तो इस प्रकार की कोई सुविधा प्रत्यक्ष रूप में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए हमारे पास अपना स्वयं का सर्व्हर या होस्टिंग के लिए ऑनलाईन स्थान (स्पेस) होना जरूरी होता है और ऐसा करना यह कोई हर किसी के लिए संभव नहीं है, क्योंकि यह प्रकार खर्चीला भी है। फिर इसके लिए हम www.slideshare.com एवं www.scribd.com इन दो साईट्स् का विकल्पात्मक रूप में उपयोग कर सकते हैं। ये दोनों साईट्स् उपयोग में लाये जाने के लिए मुफ्त में ही उपलब्ध हैं।

इन साईट्स् पर एक बार खाता खोल देने पर हम अपने इस खाते में वर्ड, एक्सेल एवं पावरपॉईंट के फाइल्स को अपलोड कर सकते हैं। एक बार यदि ये फाइल्स अपलोड हो जाती हैं, उसके पश्‍चात् उनका एचटीएमएल एम्बेड कोड हमें मिल जाता है। विडियो एम्बेडिंग के समय देखे गए एम्बेड कोड के ही समान यह कोड भी होता है और वह भी हम अपने वेबसाईट/ब्लॉग आदि में इसका उपयोग बिलकुल जैसे का तैसा कर सकते हैं। यह एम्बेड कोड हमें अपने वेबसाईट अथवा ब्लॉग में हमने जो दस्तावेज अपलोड किया है, जैसे कि वर्ड, एक्सेल एवं पावरपॉईंट के वे सभी दस्तावेज सभी नेटकरों को दिखाई देने लगते हैं। ये दस्तावेज, हमारे साईट पर आने वाले नेटकर डाऊनलोड भी कर सकता है। इसके अलावा अपने इस स्लाईडशेअर एवं स्क्रायबीडी इस साईट के खातों में कितने व्हिझिटर हिट्स् हो गए, कौन से दस्तावेजों को अधिक प्रमाण में देखा गया और डाऊनलोड  किया गया, इन सभी जानकारियों की आँकड़ेवारी भी खाताधारकों को मिल जाती है। इससे नेटकर पाठकों को अधिक रुचिपूर्ण क्या लग रहा है इस बात की जानकारी हासिल करने में काफी मदद मिलती है और इसी के अनुसार हम इस बात का अंदाजा लगा साकते हैं कि हमें क्या अपलोड करना है।

वेबसाईट में ही वेबसाईट एम्बेड करना

एम्बेडिंग के इस प्रकार के बारे पढ़कर निश्‍चित ही हमारे पाठक मित्र चकरा गए होंगे। परन्तु यह सच है कि यह हकीकत में संभव है। एक वेबसाईट अथवा ब्लॉग को हम अन्य किसी वेबसाईट अथवा ब्लॉग में समाविष्ट कर सकते हैं। यह एम्बेड की गई मूल वेबसाईट/ब्लॉग जिस तरह अपलोड होती रहती है, उसी तरह उसकी एम्बेडेड वेबसाईट/ब्लॉग भी अपलोड होती रहती है।

इसे साध्य करने के लिए हमें अपने वेबसाईट/ब्लॉग के ‘डॅशबोर्ड’ पर जाकर वही से ‘ले आऊट’ में जाना पड़ता है। इसके पश्‍चात् एचटीएमएल अथवा जावा स्क्रीप्ट के गॅजेट द्वारा या कोई विजेट लेकर हमें आगे दिए गए एचटीएमएल डालना है :-

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ऊपर दिए गए कोड में  ‘URL of webpage that you want to embed’ के स्थान पर हमें जो वेबसाईट एम्बेड करनी है उसका पता (URL) हमें देना होता है। उदा. www.website.com। इस  एम्बेड किए गए वेबसाईट का आकार भी हम ‘width’ एवं ‘height’ की  ऊपर दी गई संख्यानुसार हम इसे नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा वेबसाईट तथा ब्लॉग को एम्बेड करते समय इनमें से किसी विशेष पन्ने को भी हम एम्बेड कर सकते हैं। यह सब कुछ कर देने पर हो जाती है तैयार, हमारी वेबसाईट में वेबसाईट।

इस संकल्पना का उपयोग आजकल काफी बड़े पैमाने पर वेबसाईट्स्/ब्लॉग्स आदि को एक-दूसरे के साथ जोड़ने के लिए एवं उनका एक विस्तृत एवं समृद्ध जाल बुनने के लिए किया जा रहा है। इस जाल को यांत्रिकी भाषा में ‘मेशप’ कहते हैं और यह ‘ब्लॉगोस्फीयर’ नामक विषय की एक काफी महत्त्वपूर्ण संकल्पना है। एम्बेडिंग से संबंधित संवाद अभी खत्म नहीं हुआ है। एम्बेडिंग से संबंधित आश्‍चर्यचकित कर देनेवाली काफी कुछ बातों के बारे में हम चर्चा करेंगे, अगले लेख में।

 

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