भविष्य में चीन को अमरीका पर अत्याचार करने नहीं दूँगा

डोनाल्ड ट्रम्प की चेतावनी

Trump_VOA News (AP)

‘दुनिया के इतिहास में खुलेआम की गयी इस डकैती के लिए चीन ज़िम्मेदार है’ इन शब्दों में चीन एवं अमरीका के बीच रहनेवाले ‘ट्रेड डेफिसिट’ का वर्णन करते हुए रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने, ‘अब इसके आगे चीन को अमरीका पर अत्याचार नहीं करने दूँगा’ ऐसी तीख़ी चेतावनी दी । प्रचारसभा में यह चेतावनी देते समय ही ट्रम्प ने ‘व्यापार में अमरीका चीन पर बाज़ी पलटा सकती है’ ऐसा यक़ीन भी दिलाया । अमरीका-चीन द्विपक्षीय व्यापार में सन २०१५ में अमरीका को पूरे ३६५ अरब डॉलर्स का घाटा (ट्रेड़ डेफ़िसिट) सहना पड़ा था ।

डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी प्रचारसभाओं में बार बार चीन पर निशाना साधा है । चीन अपनी करन्सी पर नियंत्रण रखकर आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कम क़ीमतों में अपने उत्पादन उपलब्ध करा देता है । इससे अमरिकी उद्योगक्षेत्र को भारी नुकसान पहुँचा होकर, अमरीका में रोज़गार भी घटा होने का आरोप ट्रम्प ने इससे पहले किया था । इंडियाना मे हुई प्रचारसभा में ट्रम्प ने चीन की और भी ज़हरीली आलोचना करके ठेंठ शारीरिक अत्याचारों का ही उल्लेख किया ।

‘इसके आगे चीन अमरीका पर कर रहे अत्याचार सहन किये नहीं जायेंगे । चीन अमरीका के ख़िलाफ़ जो खेल खेल रहा है, उसमें चीन पर ही बाज़ी पलटायी जा सकती है । अमरीका को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि उसके हाथ में हुक़्मी इक्कें हैं। अमरीका चीन से भी अधिक ताकतवर है, यह ध्यान में रखना’ इन शब्दों में डोनाल्ड ट्रम्प ने अमरीका एवं चीन के बीच आक्रामक व्यापारी युद्ध लड़ा जाने के संकेत दिए।
रिपब्लिकन पार्टी में आघाडी पर रहनेवाले ट्रम्प ने अपने घोषणापत्र में, चीन के साथ उचित समझौतें कर अमरिकी उद्योगक्षेत्र तथा नौकरियों को अधिक स्पर्धात्मक बनाने का आश्वासन दिया है। यदि वे राष्ट्राध्यक्षपद पर चुने जाते हैं, तो वे चीन को ‘करन्सी मॅनिप्युलेटर’ घोषित कर देंगे, ऐसी चेतावनी भी उन्होंने दी है। उसके बाद, चीन द्वारा की गयी निर्यात पर दिया जानेवाला अनुदान बंद करने के लिए और कामगारक्षेत्र एवं पर्यावरणक्षेत्र में रहनेवाला निकृष्ट दर्ज़ा सुधारने के लिए दबाव डालेंगे, ऐसा भी ट्रम्प ने ज़ोर देकर कहा था।

लेकिन अमरीका के साथ हो रहे व्यापार में चीन को मिल रहे फ़ायदे को ठेंठ ‘शारीरिक अत्याचार’ कहकर बुलाने की यह पहली बारी है। डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के विरोध में किये वक्तव्यों पर चीन ने अधिकृत रूप में प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन कुछ दिन पहले चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने, अमरीका के चुनाव लक्षणीय साबित हो रहे हैं, ऐसी टिप्पणी की थी।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा के साथ ही, अमरीका के कई प्रमुख नेताओं ने चीन की व्यापारी नीतियाँ, करन्सी का इस्तेमाल, व्यापार के लिए की जानेवाली जासूसी इन मुद्दों को लेकर चीन पर लगातार निशाना साधा है। लेकिन उसे नज़रअंदाज़ करके चीन ने अपनी व्यापारी नीति क़ायम रखी है। सन २०१६ में महज़ दो महीनों में अमरीका के साथ हो रहे व्यापार में चीन को हुए ५७ अरब डॉलर्स के मुनाफ़े से यही बात साबित हो रही है।

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