लद्दाख की एलएसी पर गोग्रा से चीन के लष्कर की वापसी

नई दिल्ली – १५ महीनों के तनाव के बाद चीन के लष्कर ने लद्दाख की एलएसी पर के गोग्रा से अपने जवान हटाए। ४ से ५ अगस्त के बीच चीन के लष्कर ने यह वापसी की प्रक्रिया पूरी की होने की जानकारी भारतीय लष्कर ने दी। भारतीय लष्कर ने भी यहाँ की तैनाती हटाई है। दोनों देशों के लष्करों ने सामंजस्य से एक-दूसरे की वापसी की तसल्ली की, ऐसा स्पष्ट किया। हालाँकि गोग्रा में तनाव कम हुआ है, लेकिन अभी भी लद्दाख की एलएसी पर के हॉट स्प्रिंग और डेप्सांग में की तैनाती चीन ने हटाई नहीं है। साथ ही, गोग्रा में से की इस वापसी की खबरें आ रही हैं कि तभी अरुणाचल प्रदेश की एलएसी के पास होने वाले तिब्बत के भाग में चीन ने बुलेट ट्रेन द्वारा जवान और रक्षा सामग्री की तैनाती की होने की खबरें आई हैं।

गोग्रालद्दाख की एलएसी पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों के बीच की चर्चा का १२वाँ सत्र हाल ही में संपन्न हुआ। इसमें गोग्रा से जवान हटाने की बात चीन ने मान्य की। उसके अनुसार ४ से ५ अगस्त के बीच चीन ने अपने जवान वहाँ से हटाए। यहाँ चीन के लष्कर ने बनाया अस्थाई रूप का निर्माण कार्य भी हटा दिया गया है। उसी समय भारत ने भी यहाँ की तैनाती हटाई। दोनों देशों के लष्करों ने सामंजस्यपूर्वक एक-दूसरे की वापसी की तसल्ली की, ऐसा भारतीय लष्कर ने अपने निवेदन में कहा है। इससे दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू कर सकनेवाले एक और संवेदनशील मुद्दे पर सहमति हुई, ऐसा भारतीय लष्कर ने स्पष्ट किया। साथ ही, आनेवाले दौर में हॉट स्प्रिंग और डेप्सांग पर चर्चा होगी, ऐसे संकेत लष्कर ने दिए हैं।

यह बात गौरतलब है कि १५ महीनों के तनाव के बाद चीन को लद्दाख की एलएसी से वापसी करनी पड़ रही है। घुसपैंठ द्वारा एलएसी पर वर्चस्व जताने की चीन की कोशिश इस देश पर ही पलटे बगैर नहीं रहेगी, ऐसा भारत के पूर्व लष्करी अधिकारी और विश्लेषक बहुत पहले से जताते आए हैं। जितना समय चीन लद्दाख की एलएसी पर तनाव मचाने की कोशिश करेगा, उतनी मात्रा में चीन को मानहानि सहनी पड़ेगी, ऐसा पूर्व लष्करी अधिकारियों का कहना था। आखिरकार कुछ भी हाथ ना लगते हुए, चीन के लिए मजबूरन समझौता करके यहाँ से पीछे हटने बगैर चारा ही नहीं बचेगा, ऐसी चेतावनी भारत के राजनयिकों ने भी दी थी। यह निष्कर्ष वास्तव में उतर रहा है, ऐसा चीन की गोग्रा से वापसी से दिखाई देने लगा है।

हालाँकि गोग्रा से इस वापसी की खबरें आ रहीं हैं, फिर भी चीन ने भारत को उकसाने की कोशिशें नहीं छोड़ीं हैं। अरुणाचल प्रदेश के पास के, एलएसी से सटे तिब्बत के भाग में चीन ने अपने जवान और लष्करी सामग्री की यातायात शुरू की है। इस यातायात के लिए चीन ने तिब्बत की राजधानी ल्हासा से निएंगची तक जानेवाली बुलेट ट्रेन का इस्तेमाल किया। इसके ज़रिए भारत पर दबाव डालने की एक और कोशिश चीन कर रहा है, यह बात सामने आ रही है।

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