भारत के विकास के साथ विश्‍व का भी विकास होता है – संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

संयुक्त राष्ट्रसंघ – ‘हज़ारों वर्षों के लोकतंत्र की परंपरा वाली भारतभूमि ही लोकतंत्र की जननी मानी जाती है। जब भारत विकास करता है तब पूरे विश्‍व का विकास होता है। भारत में सुधार होते हैं तब विश्‍व में परिवर्तन आते हैं’, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में किए भाषण में भारत को लोकतंत्र के मुद्दे पर उपदेश देनेवालों को तमाचा जड़ा। साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ को अपनी प्रासंगिकता बरकरार रखनी हो तो समय के साथ ज़रूरी बदलाव करने ही पड़ेंगे, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इसके लिए आचार्य चाणक्य के बयान का दाखिला दिया। भारत जैसे देश को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता प्रदान नहीं हुई तो राष्ट्र संघ अपना प्रभाव खो बैठेगा, यह इशारा भी प्रधानमंत्री मोदी ने इसके ज़रिये दिया हुआ दिख रहा है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के शुरू में ही कोरोना की महामारी के शिकार हुए लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस महामारी ने पूरे विश्‍व को आर्थिक स्तर पर काफी बड़ा सबक सिखाया है। वैश्विक उत्पादन के लिए सप्लाई चेन सुनिश्‍चित करने की ज़रूरत है और भारत इस मोर्चे पर बड़ी अहम भूमिका निभा सकता है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। फिलहाल विश्‍व की फैक्टरी माने जा रहे चीन में कोरोना की महामारी के बाद उत्पादन ठंड़ा पड़ा था। इसका दाखिला देकर प्रधानमंत्री ने सीधे ज़िक्र किए बगैर भारत ही चीन का अधिक समर्थ विकल्प साबित होगा, यह संदेश दिया। साथ ही भारत ने कोरोना विरोधी टीका बनाकर दिखाया और विकसित देशों से इस मोर्चे पर आगे है। जल्द ही देश में १२ वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को भारत में बना टीका लगाया जाएगा। भारतीय वैज्ञानिक कोरोना विरोधी नेजल वैक्सीन तैयार कर रहे हैं। विश्‍वभर की कंपनियाँ भारत आकर वैक्सीन का निर्माण करें, यह आवाहन भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान किया।

बीते कुछ महीनों से भारत के लोकतंत्र पर पश्‍चिमी माध्यम बयान करने लगे थे। इसका दाखिला देकर प्रधानमंत्री ने भारत ही लोकतंत्र की जननी होने याद दिलाई। भारत को हज़ारों वर्षों से लोकतंत्र की परंपरा प्राप्त हुई है और विविधता ही वर्तमान भारत के लोकतंत्र की सबसे बड़ी विशेषता है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। ऐसे लोकतांत्रिक भारत का विकास जब होता है तब विश्‍व में अधिक विकास होता है। भारत सुधार करता है तब विश्‍व में भी सुधार आते हैं, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने भारत की अहमियत रेखांकित की। साथ ही सीधे नाम लिए बगैर पाकिस्तान की आतंकवादी नीति पर प्रधानमंत्री ने तीखे शब्दों में प्रहार किए।

आतंकवाद का बतौर हथियार इस्तेमाल करके राजनीतिक उद्देश्‍य प्राप्त करने की कोशिश करने में जुटे देश आतंकवाद उनके देश के लिए भी उतना ही भयंकर संकट साबित होगा, यह बात ध्यान में रखना ही उचित होगा। साथ ही अफ़गानिस्तान जैसे देश का आतंकवाद के कारणों के लिए इस्तेमाल नहीं हो, यह विश्‍व को सुनिश्‍चित करना पड़ेगा, यह माँग भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान रखी। अफ़गानिस्तान की स्थिति का अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल ना हो, इसको लेकर विश्‍व सावधान रहने का इशारा भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान दिया। कानून पर आधारित व्यवस्था के लिए पूरे विश्‍व को एकजुट होकर आवाज़ उठाने की बहुत जरुरत है, यह संदेश भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान दिया। प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण का संज्ञान भारतीय माध्यमों के साथ पश्‍चिमी माध्यमों ने भी लिया है। खास तौर पर ‘क्वाड’ में भारत की भूमिका को बड़ी अहमियत प्राप्त होने की बात पश्‍चिमी माध्यम भी स्वीकारने लगे हैं।

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