अगले हफ्ते होनेवाली एफएटीएफ की बैठक तय करेगी पाकिस्तान का भविष्य

पाकिस्तान का भविष्यइस्लामाबाद – पिछले हफ्ते भर में वर्ल्ड बँक, सऊदी अरब, युरोपिय महासंघ, जी-२० के साथ ही, निकटतम मित्रदेश होनेवाले चीन ने भी पाकिस्तान की आर्थिक सहायता करने से इन्कार किया। इससे पहले से ही दलदल में फंसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी गहराई में जाने का दावा किया जाता है। ऐसी स्थिति में, अगले हफ्ते ‘फायनॅन्शिअल ऍक्शन टास्क फोर्स-एफएटीएफ’ की विशेष बैठक संपन्न हो रही है। पाकिस्तान के भविष्य का फैसला इस बैठक में होनेवाला है। एफएटीएफ ने पहले ही ग्रे लिस्ट में समावेश किया होने के कारण पाकिस्तान डरा हुआ है और पाकिस्तान पर लगाए बंधन हटाने की विनती इस देश के नेता कर रहे हैं।

अवैध व्यवहार और आतंकवादी कारनामों को आर्थिक सहायता करनेवाले देशों पर नजर रखने वाले इस पेरिस स्थित ‘एफएटीएफ’ ने सन २०१८ में पाकिस्तान का समावेश ‘ग्रे लिस्ट’ में किया था। पाकिस्तान आतंकवादी कारनामों को मिलने वाली निधि रोकें और अपने देश के आतंकवादी संगठनों पर कार्रवाई करें, ऐसी माँग एफएटीएफ ने की थी। इसके लिए इस गुट ने पाकिस्तान को २७ सूत्रों की लिस्ट दी थी। साल भर में पाकिस्तान इसपर कार्रवाई करेगा, ऐसी उम्मीद थी। कोरोना की पृष्ठभूमि पर, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को इसके लिए अवधि भी बढ़ाकर दी थी।

यह अवधि देने के बावजूद भी पाकिस्तान ने एफएटीएफ की मांगों की पूर्ति नहीं की है यह बात सामने आ रही है। पाकिस्तानी माध्यमों ने दी जानकारी के अनुसार, इम्रान खान सरकार ने २७ में से २६ सूत्रों का पालन किया है। २१ से २५ जून के बीच होनेवाली इस बैठक में पाकिस्तान अपना पक्ष एफएटीएफ के सामने रख सकता है। साथ ही, पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने की माँग पाकिस्तान करनेवाला है, ऐसा इन माध्यमों का कहना है। लेकिन यह माँग मान्य होने की संभावना फिलहाल तो नज़र में नहीं आ रही है।

उसी में, अफगानिस्तान से अमरीका की सेना वापसी जारी होने के कारण पाकिस्तान को इतनी जल्दी ग्रे लिस्ट से हटाने का खतरा नहीं मोल सकते, ऐसा अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का कहना है। अमरीका पाकिस्तान पर बनाया दबाव हटाने के लिए तैयार नहीं है। इस कारण सितंबर महीने तक पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही कायम रहेगा, ऐसा दावा किया जाता है।

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