अगर ईरान का हित होनेवाला है, तो ही परमाणु समझौते पर चर्चा करेंगे – ईरान के आगामी राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम राईसी

तेहरान – ‘परमाणु कार्यक्रम के मुद्दे पर ईरान हरगिज समझौता नहीं करेगा। चर्चा के माध्यम से अगर ईरान का हित होनेवाला नहीं, तो ऐसे परमाणु समझौते पर चर्चा करने की ईरान की इच्छा नहीं है’, ऐसे स्पष्ट शब्दों में ईरान के नवनियुक्त राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम राईसी ने अपनी नीतियाँ स्पष्ट कीं। उसी के साथ, क्षेपणास्त्रनिर्माण और खाड़ी क्षेत्र के ईरान समर्थक शियापंथीय गुटों को होनेवाला समर्थन, इसके आगे भी जारी रहेंगे, ऐसा राईसी ने डटकर कहा। परमाणु समझौते के संदर्भ में ईरान से उम्मीद रखनेवाले अमरीका, युरोपीय देशों को ईरान के नवनियुक्त राष्ट्राध्यक्ष राईसी ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी होने का दावा पश्चिमी माध्यम कर रहे हैं।

iran-raisi-1पिछले हफ्ते ईरान में संपन्न हुए चुनावों में भारी बहुमत से विजयी हुए इब्राहिम राईसी ने सोमवार को माध्यमों से बातचीत की। ईरान के विद्यमान राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी की ओर, सुधारवादी और दुनिया से मेल बिठाने की कोशिश करनेवाले नेता के रूप में देखा जा रहा था। वहीं, ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी की विशेष मर्जी में होनेवाले राईसी ये प्रखर जहालमतवादी हैं। सर्वोच्च नेता खामेनी की नीतियों पर अमल करने के लिए ही राईसी का राष्ट्राध्यक्षपद पर चयन हुआ होने का दावा किया जाता है। इस कारण, माध्यमों के साथ होनेवाली राईसी की पहली बैठक की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित हुआ था।

‘ईरान की जनता का हित केवल परमाणु समझौते से जुड़ा हुआ नहीं है। इस कारण ईरान की विदेश नीति परमाणु समझौते तक ही सीमित नहीं होगी। इसके आगे ईरान दुनिया में औरों से भी सहयोग स्थापित करेगा’, ऐसा कहकर राईसी ने परमाणु समझौते का महत्व कम किया। परमाणु समझौते से भी, ईरान की सार्वभौमिकता और हित सबसे महत्वपूर्ण होने की बात राईसी ने स्पष्ट की। ईरान की राजनीतिक व्यवस्था पर पकड़ होने वाले सर्वोच्च धार्मिक नेता खामेनी ने भी इससे पहले यही भूमिका रखी थी। नवनियुक्त राष्ट्राध्यक्ष राईसी ने सर्वोच्च धार्मिक नेता की ही भूमिका डटकर रखी। साथ ही, वियना में चल रही चर्चा से बाहर निकलने के संकेत भी दिए।

परमाणु समझौते के संदर्भ में बनी सद्यस्थिती के लिए अमरीका और युरोपीय महासंघ पूरी तरह ज़िम्मेदार होने का दोषारोपण राईसी ने किया। अमरीका और युरोपीय महासंघ ने इस समझौते के नियमों का पालन ना किया होने का आरोप ईरान के आगामी राष्ट्राध्यक्ष ने किया। इस कारण, इस समझौते में सहभागी होने की और उसके नियमों का पालन करने की ज़िम्मेदारी अमरीका पर होने का दावा राईसी ने किया। उसी के साथ, परमाणु समझौते पर चर्चा करने के लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन से मुलाकात करने की फिलहाल कोई भी योजना नहीं है, यह राईसी ने स्पष्ट किया।

इसके अलावा, क्षेपणास्त्र निर्माण का कार्यक्रम और खाड़ी क्षेत्र के शियापंथीय सशस्त्र गुटों को समर्थन, इन मुद्दों पर ईरान की भूमिका में कोई भी बदलाव नहीं होगा, ऐसा राईसी ने बताया। परमाणु कार्यक्रम के साथ ही, ईरान के क्षेपणास्त्र निर्माण पर भी मर्यादा लगाएँ, ऐसी माँग पश्चिमी देशों द्वारा की जा रही थी। साथ ही, खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता निर्माण करनेवाले ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों के मामले में ईरान की घेराबंदी की जाएँ, ऐसा आवाहन खाड़ी क्षेत्र के देशों ने किया था। लेकिन इन दोनों मुद्दों पर ईरान समझौता नहीं करने करेगा, यह नवनियुक्त राष्ट्राध्यक्ष राईसी ने घोषित किया।

इसी बीच, इस बैठक से पहले वियना में चल रही बातचीत में सहभागी हुए ईरान के प्रतिनिधियों को वापस बुलाने की खबरें आई थी।

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