कोरोना से भी घातक विषाणु अधिक भयंकर महामारी फैलाएगा – ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख की चेतावनी

‘डब्ल्यूएचओ’जेनीवा – ‘कोरोना की महामारी विश्‍व की आखिरी महामारी है ऐसा समझने की गलती ना करें। उत्क्रांती के नियम के अनुसार, कोरोना वायरस से भी अधिक घातक और तेज़ी से संक्रमित होनेवाला विषाणु सामने आ सकता है। यह विषाणु विश्‍व में नई महामारी को न्यौता देनेवाला साबित होगा’, ऐसी गंभीर चेतावनी ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ.टेड्रॉस घेब्रेयेसूस ने दी है। ‘वर्ल्ड हेल्थ असेंब्ली’ के ७४ वें सत्र का उद्घाटन करते समय घेब्रेयेसूस ने यह चेतावनी दी। इस दौरान उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि विश्‍व फिलहाल निर्णायक मोड़ पर पहुँचा है और पुराने रास्ते से आगे बढ़ने पर, भविष्य के संकटों का सामना करना कठीन होगा।

वर्ष २०१९ के अन्त में चीन से संक्रमित हुई कोरोना की महामारी ने विश्‍वभर में हाहाकार मचाया है और इसका संक्रमण अभी भी जारी है। विश्‍वभर में १६ करोड़ से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं और इसके मृतकों की संख्या बढ़कर ३४ लाख तक जा पहुँची है। विश्‍व के कई प्रमुख देशों में कोरोना की दूसरी या तीसरी लहर ने ‘डब्ल्यूएचओ’कोहराम मचाया है। इस दौरान कोरोना के नए ‘स्ट्रेन’ तैयार हो रहे हैं और इससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का माहौल बना है। इस पृष्ठभूमि पर ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ने नई महामारी से संबंधित दी चेतावनी ध्यान आकर्षित करती है।

कोरोना संक्रमण जारी होते हुए नई महामारी से संबंधित चेतावनी दी जाने का यह दूसरा अवसर है। बीते वर्ष के सितंबर महीने में आयोजित एक बैठक के दौरान भी डॉ.टेड्रॉस घेब्रेयेसूस ने, विश्‍व को नई महामारी का मुकाबला करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी। इसके साथ ही अगली महामारी का सामना करने के लिए विश्‍व को अभी से तैयारी करनी होगी, यह बयान भी उन्होंने किया था। सोमवार के दिन ‘वर्ल्ड हेल्थ असेंब्ली’ में किए भाषण के दौरान अपना यही बयान दोहराकर उन्होंने, विश्‍व के सामने अब दो ही विकल्प होने की चेतावनी दी। सहयोग या असुरक्षितता, ये दो विकल्प होने का अहसास डॉ.घेब्रेयेसूस ने कराया।

‘डब्ल्यूएचओ’इसी बीच, ‘वर्ल्ड हेल्थ असेंब्ली’ की बैठक के दौरान कोरोना के उद्गम से संबंधित नए से पारदर्शी जाँच होनी चाहिये, यह माँग अमरीका ने रखी है। अमरीका के स्वास्थ्यमंत्री झेविअर बेकेरा ने इससे संबंधित भूमिका स्पष्ट की। ‘कोरोना संक्रमण की जड़ों से संबंधित ‘फेज-२’ की जाँच शुरू होनी चाहिये। यह जाँच अधिक पारदर्शीता, वैज्ञानिक तथ्यों की बुनियाद एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को पूरी आज़ादी देकर करनी होगी’, ऐसा बेकेरा ने कहा है।

इससे पहले स्वास्थ्य संगठन ने की हुई जाँच से, किसी भी तरह का पुख्ता अनुमान प्राप्त नहीं हुआ था और विश्‍व के प्रमुख देशों ने इसपर तीव्र आलोचना की थी। इस वजह से दबाव महसूस कर रहें डॉ.टेड्रॉस घेब्रेयेसूस ने, सदस्य देशों की सहमति होने पर नए से जाँच करना मुमकिन होने के संकेत दिए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.