सन १९६७ में अरब देशों के साथ हुए युद्ध में इस्रायल ने किए युद्ध अपराधों की होगी जाँच – आन्तर्राष्ट्रीय अपराधिक मामलों की अदालत का ऐलान

हेग – सन १९६७ में अरब देशों के साथ हुए युद्ध में इस्रायल की रही भूमिका की सख्त जाँच की जाएगी, ऐसा ऐलान आन्तर्राष्ट्रीय अपराधिक मामलों की अदालत ने किया है। इस मामले में इस्रायल के खिलाफ गंभीर युद्ध अपराध के मामले दाखिल किए गए हैं। पैलेस्टिन की सरकार ने आन्तर्राष्ट्रीय अदालत के इस निर्णय का स्वागत किया है। वहीं, यह निर्णय पूरी तरह से इस्रायल विरोधी होने का आरोप प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने किया है। अमरीका ने भी इस निर्णय पर नाराज़गी व्यक्त की है।

israel-arabआन्तर्राष्ट्रीय अपराधिक मामलों की अदालत (आयसीसी) के तीन न्यायाधीशों के पैनल ने शुक्रवार के दिन इस्रायल पर लगाए युद्ध अपराध से संबंधित मामलों की जाँच के आदेश दिए। वर्ष १९६७ में हुए युद्ध के बाद इस्रायल ने कब्ज़ा किए गाज़ापट्टी, वेस्ट बैंक और पूर्व जेरूसलम में किए युद्ध अपराध के मामलों का जाँच में समावेश होने की बात ‘आयसीसी’ ने स्पष्ट की है। इस्रायल की सेना ने गाज़ापट्टी पर किए हमलें, साथ ही हमास के राकेट हमलों की भी जाँच होगी, ऐसा ‘आयसीसी’ ने कहा है। वहीं, इस्रायल ने वेस्ट बैंक में शरणार्थियों के लिए बनाई बस्तीयों के निर्माण कार्य का मुद्दा भी इसमें शामिल होने की बात ‘आयसीसी’ ने कही है।

israel-arabफातोआ बेन्सौदा ने वर्ष २०१९ में इस्रायल के खिलाफ युद्ध अपराध के मामले दर्ज़ करने की माँग की थी। इसपर दो वर्ष बाद ऐलान हुआ है। वेस्ट बैंक के पैलेस्टिन के राष्ट्राध्यक्ष महमूद अब्बास ने ‘आयसीसी’ के इस निर्णय का स्वागत किया है। साथ ही ‘आयसीसी’ ने इस मामले मे इस्रायल की जाँच शुरू करने से इस्रायल को यकिनन सज़ा होगी, यह विश्‍वास भी पैलेस्टिन के नेताओं को होने लगा है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने ‘आयसीसी’ के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। झूठे युद्ध अपराधों के लिए इस्रायल की जाँच शुरू करके ‘आयसीसी’ अपनी इस्रायल विरोधी भूमिका स्पष्ट कर रहा है, यह आरोप नेतान्याहू ने किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.