बढते हिंसाचार के कारण २० हजार नागरिक नाईजेरिया छोडकर नायजर पहुंचे – संयुक्त राष्ट्रसंघ का अहवाल

Third World Warनिआमे/अबुजा: जातीय संघर्ष और आपराधिक गिरोहों से होने वाले हमलों की पृष्ठभूमि पर पश्चिमोत्तर नाईजेरिया के लगभग २० हजार नागरिकों ने पड़ोसी देश ‘नायजर’ में शरण ली हैं| सिर्फ डेढ़ महीने के समय में इतनी भारी मात्रा में देशान्तरण होने से नाईजेरिया की सुरक्षा यंत्रणा और व्यवस्था पर फिर एक बार सवाल खड़े हुए हैं| पिछले कुछ महीने में नाईजेरिया में ‘बोको हराम’ और ‘आयएस’ संलग्न आतंकवादी संगठनों ने लष्करी अड्डों पर किए हमलों के कारण इस देश की सरकार पहले ही मुश्किल में आई थीं|

मार्च महीने में नाईजेरिया के कदुना प्रांत में ‘फुलानी’ इन कट्टरपंथियों ने किए हमलों के कारण खलबली फैली थीं| लगातार तीन सप्ताह शुरू हमलों में १७० से अधिक ख्रिसतधर्मियों की जान जाने की जानकारी सामने आई थीं| फुलानी इस कट्टरपंथी संगठन से ख्रिस्तधर्मियों को निशाना बनाने का दावा स्थानिय यंत्रणा और नागरिकों ने किया था| ऐसे ही प्रकार के हमलें पश्चिमोत्तर नाईजेरिया के अन्य भागों में भी होते हुए उसके प्रमाण बढ़ने का नागरिकों के देशान्तरण से स्पष्ट हुआ हैं|

संयुक्त राष्ट्रसंघ के अधिकारी बाबर बलोच ने अप्रैल महीने से शुरू हुआ देशान्तरण ‘बोको हराम’ और अन्य आतंकवादी संगठनों के हमलों के कारण नहीं होने का स्पष्ट किया हैं| इस देशान्तरण के पीछे जातीय गुट साथ ही गिरोहों के विवाद और अपराधी गिरोह की कार्रवाईयां यह प्रमुख घटक होने का बलोच ने बताया हैं| नाईजेरिया के सरकारी विभाग में लष्कर तैनात करने पर भी हिंसा कम नहीं हुई, इस ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया हैं|

‘सोकोतो’ और ‘झम्फारा’ इन दोनों प्रांतों में हिंसा तथा देशान्तरण का प्रमाण सबसे अधिक होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्र संगठन ने दी हैं| नाईजेरिया अफ्रीका का ईंधन संपन्न देशों में से एक होते हुए उच्चतर वित्त व्यवस्थाओं में उसकी गिनती होती हैं| परंतु आतंकवादी संगठनों के बढ़ते प्रभुत्व, जातीय हिंसा और अपराधी गिरोह से होने वाले हमलों के कारण देश की सुरक्षा व्यवस्था का पूरी तरह से पतन होने का दिखाई देता हैं|

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