ईरान द्वारा परमाणु समझौते के नियमों का उल्लंघन अभी भी जारी

बर्लिन – ईरान ने युरेनियम मेटल के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्रियाँ इकट्ठा करना शुरू किया है। यह जानकारी ईरान ने ही आन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग को बतायी है। ‘युरेनियम मेटल’ के निर्माण के लिए कदम उठाकर ईरान ने फिर एक बार परमाणुसमझौते के नियमों का उल्लंघन किया होने की चिंता आन्तर्राष्ट्रीय माध्यम ज़ाहिर कर रहे हैं। इसी बीच, युरेनियम मेटल का इस्तेमाल परमाणुबम के निर्माण के लिए किया जाता है, ऐसा दावा आन्तर्राष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं।

‘युरेनियम मेटल’ पर संशोधन एवं विकास के लिए ईरान ने कोशिशें शुरू कीं हैं। इसके लिए न्युक्लिअर प्लांट में आवश्यक सामग्री इकट्ठा करना जारी है’, ऐसी जानकारी आन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग ने एक पत्रक के द्वारा घोषित की। वहीं, आन्तर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग में नियुक्त ईरान के राजदूत काझेम घरिब अबादी ने दी जानकारी के अनुसार, युरेनियम के ईंधन पर काम शुरू हुआ है। इससे ईरान प्रगत देशों की श्रेणि में जा बैठा है, ऐसा दावा अबादी ने किया। लेकिन युरेनियम मेटल के निर्माण ईरान ने उठाया हुआ कदम गंभीर तथा परमाणु समझौते का उल्लंघन करनेवाला होने का दावा आन्तर्राष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं।

Iran-nuclear-dealसन २०१५ में ईरान तथा पश्चिमी देशों के बीच हुए परमाणु समझौते के अनुसार, युरेनियम मेटल पर किसी भी प्रकार का संशोधन करने पर पाबंदी लगायी गयी है। युरेनियम मेटल पर संशोधन करना, यह इस समझौते का खुलेआम उल्लंघन साबित होता है। क्योंकि युरेनियम के मेटल का इस्तेमाल एक परमाणु बम के निर्माण के लिए किया जा सकता है। इस कारण, युरेनियम मेटल के संदर्भ में ईरान ने परमाणु ऊर्जा आयोग को दी जानकारी, ईरान का समर्थन करनेवाले देशों को बेचैन करनेवाली साबित हो रही है। ईरान ने उठाये कदम की जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने आलोचना की है।

‘ईरान ने उठाया कदम ग़लत संदेश देनेवाला होकर, इससे आपसी विश्‍वास में दरारें पड़ सकतीं हैं’, ऐसा जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने जताया। साथ ही, ‘सन २०१५ के परमाणु समझौते में सहभागी हुए अन्य देश इस समझौते को बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। अमरीका के आगामी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन भी नये सिरे से परमाणु समझौता करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में ईरान परमाणु समझौते के नियमों का उल्लंघन करना छोड़ दें’, ऐसा आवाहन जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने किया।

दो दिन पहले आन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष राफेल ग्रॉसी ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर आन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को सचेत किया था। सन २०१५ के परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद, ईरान बहुत तेज़ी से युरेनियम का संवर्धन करने लगा है। उसे देखते हुए, ईरान के साथ का परमाणु समझौता बचाने के लिए अपने पास महीनें नहीं, बल्कि चन्द कुछ हफ़्ते बाक़ी हैं, ऐसा ग्रॉसी ने कहा था। साथ ही, ईरान युरेनियम का संवर्धन २० प्रतिशत तक यक़ीनन ही ले जायेगा, ऐसा पुख़्ता दावा ग्रॉसी ने किया था।

इसके लिए ग्रॉसी ने, ईरान के परमाणु कार्यक्रम की रफ़्तार और ईरान के पास होनेवाली यंत्रणा का हवाला दिया था। इन दोनों की सहायता से ईरान महीनेभर में १० किलो अथवा उससे थोड़े अधिक युरेनियम का संवर्धन पूरा कर सकता है, ऐसी चिंता ग्रॉसी ने ज़ाहिर की थी। इसी बीच, ईरान ने भी उसके उपर थोंपे हुए निर्बंध हटाने के लिए अमरीका को महीनेभर की कालावधि दी है। इस कालावधि में यदि अमरीका ने निर्बंध नहीं हटाये, तो ईरान का परमाणु कार्यक्रम अधिक तीव्र होगा, ऐसे संकेत ईरान ने दिये हैं।

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