पाकिस्तान के ‘आण्विक’ इल्ज़ामों को भारत का जवाब

नई दिल्ली, दि. ९ :  भारत गुप्त रूप से आण्विक शहर विकसित कर रहा होकर, अपने परमाणुअस्त्रों की राशि बढ़ा रहा है, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान ने लगाया| साथ ही, भारत अपनी आण्विक क्षमता में बडी मात्रा में विस्तार करते हुए इस क्षेत्र में असंतुलन निर्माण कर रहा है, ऐसा दावा पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने किया है| लेकिन ‘यह इल्ज़ाम यानी पाकिस्तान की कल्पनाशक्ति है’ ऐसा कहते हुए भारत के विदेशमंत्रालय ने करारा जवाब दिया|

‘आण्विक’‘भारत चुपके से आण्विक शहर विकसित कर रहा है| इस जगह भारत अपने परमाणुअस्त्रों को संग्रहित कर रहा होकर, उसमें बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी हो रही है’, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नफीस झकारिया ने लगाया| इतना ही नहीं, बल्कि भारत आंतरमहाद्विपीय प्रक्षेपास्त्र का परीक्षण करके इस क्षेत्र का सत्तासमतोल बिगाड़ रहा है, ऐसी आलोचना झकारिया ने की| इसी कारण भारत के इन कारनामों पर आंतर्राष्ट्रीय समुदाय ग़ौर करें, ऐसी माँग झकारिया ने की| भारत का परमाणुकार्यक्रम आंतर्राष्ट्रीय परमाणुऊर्जा आयोग की निगरानी में लाया जायें, ऐसी माँग कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने की थी| झकारिया ने की हुई यह नयी माँग भी, पाकिस्तान भारत पर कर रहे दोषारोपों का एक और अध्याय साबित होता है|

‘पाकिस्तान द्वारा लगाया गया इल्ज़ाम, यह महज़ कल्पनाशक्ति है| इस इल्ज़ाम के लिए कोई भी आधार नहीं| भारत की परमाणुनीति ज़िम्मेदाराना होकर, हमेशा ही आंतर्राष्ट्रीय नियमों से सुसंगत रही है| ऐसे हालातों में, जिनका आण्विक इतिहास संदिग्ध है, ऐसे पड़ोसी देश द्वारा लगाये जानेवाले इल्ज़ाम अचम्भित करते हैं’, ऐसी फटकार भारत के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने लगायी| भारत का आण्विक इतिहास बिलकुल स्वच्छ होकर, उसपर कोई भी शक़ नहीं कर सकता| आतंकी कारनामें तथा आंतर्राष्ट्रीय आतंकवादियों को दिया जा रहा आश्रय, इनपर से दुनिया का ध्यान दूर हटाने के लिए ही पाकिस्तान भारत पर यह बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा रहा है, यह भी स्वरूप ने कहा|

‘आण्विक’‘भारत के कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो रहे हैं| उसके बाद पाकिस्तान भारत के साथ बातचीत करने के लिए पहल करेगा’ ऐसा दावा पाकिस्तान के एक मंत्री ने किया था| उसकी भी विकास स्वरूप ने ख़बर ली| ‘भारत के चुनावों का पाकिस्तान के साथ चर्चा से कोई संबंध नहीं, बल्कि पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति के कारण दोनों देशों की बातचीत में रुकावट आयी है| इसलिए, पाकिस्तान दोनों देशों के बीच की समस्या को अच्छी तरह भाँप लें। दोनो देशों के बीच की समस्या तथा उसका हल, दोनों भी पाक़िस्तान के पास ही हैं, इन शब्दों में विकास स्वरूप ने पाकिस्तान को खरी खरी सुनायी|

पिछले कई दिनों से पाकिस्तान भारत की आण्विक नीति पर आक्रामक रूप में इल्ज़ाम लगा रहा है| भारत को ‘एनएसजी’ इस परमाणुआपूर्ति गुट की सदस्यता न मिलें, इसके लिए पाकिस्तान भारत के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बना रहा है| चीन के विरोध के बावजूद भी, ‘एनएसजी’ के ज़िम्मेदार सदस्य देशों ने भारत को इस संगठन में शामिल करने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं| इसी वजह से भारत की ‘एनएसजी’ सदस्यता का मार्ग खुल गया है, ऐसा कहा जाता है| चीन भी बहुत समय तक भारत की सदस्यता रोक नहीं सकता, ऐसा दावा कुछ विशेषज्ञों ने किया था| इस पृष्ठभूमि पर, भारत के परमाणुकार्यक्रम की आलोचना करते हुए, पाकिस्तान भारत को रोकने की कोशिशें कर रहा है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.