अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के बजाय उप-राष्ट्राध्यक्षा हैरिस विदेशी नेताओं से बातचीत कर रही हैं – माध्यमों के दावों से बायडेन की क्षमता का मुद्दा चर्चे में

वॉशिंग्टन – अमरीका की उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस ने सोमवार के दिन फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन से फोन पर बातचीत की। इस तरह से विदेशी राष्ट्रप्रमुखों से सीधे बातचीत करने का हैरिस का यह दूसरा अवसर है। राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के बजाय कमला हैरिस ने अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ सीधे बातचीत करने से अमरीका के सियासी दायरे के साथ सोशल मीडिया में बायडेन की क्षमता पर चर्चा शुरू हुई है। पूर्व रक्षामंत्री रॉबर्ट गेट्स ने दो वर्ष पहले ऐसी आशंका उपस्थित की थी कि, क्या बायडेन जैसे वयोवृद्ध व्यक्ति राष्ट्राध्यक्ष के लिए आवश्‍यक क्षमता रखते हैं?

kamla-harris-bidenफरवरी के शुरू में अमरीका की उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस ने कनाड़ा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्य्रुड्यू से फोन पर बातचीत की थी। इसके बाद मात्र १५ दिनों में उप-राष्ट्राध्यक्षा हैरिस ने फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष को फोन किया है। इन दोनों घटनाओं में हैरिस ने कोरोना संक्रमण, मौसम के बदलाव और अर्थव्यवस्था जैसे कई अहम मुद्दों पर बातचीत करने की जानकारी प्रदान की गई है। इससे पहले जनवरी में अमरिकी उप-राष्ट्राध्यक्ष ने ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ के प्रमुख को भी फोन किया था। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के बजाय उप-राष्ट्राध्यक्षा हैरिस के विदेशी राष्ट्रप्रमुख और अंतरराष्ट्रीय यंत्रणाओं के प्रमुखों से फोन पर हो रही बातचीत माध्यमों का ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई है।

ज्यो बायडेन, अमरीका के सबसे वयोवृद्ध राष्ट्राध्यक्ष बने हैं। उन्होंने अपनी उम्मीदवारी घोषित करने के बाद राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए आवश्‍यक शारीरिक ऊर्जा और मानसिक क्षमता वह रखते हैं क्या, इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई थी। उप-राष्ट्राध्यक्ष पद के लिए कमला हैरिस का नाम निर्धारित होने के बाद भी सोशल मीडिया में बायडेन का स्थान हैरिस प्राप्त करेगी, इस तरह के पोस्ट्स प्रसिद्ध हुए थे। २० जनवरी के दिन बायडेन ने राष्ट्राध्यक्ष पद का भार संभालने के बाद शुरू के कुछ दिनों में उप-राष्ट्राध्यक्षा कमला हैरिस की वाईट हाऊस में लगातार देखी गई मौजूदगी भी ध्यान आकर्षित करनेवाली साबित हुई थी।

इस पृष्ठभूमि पर अहम विदेशी राष्ट्रप्रमुखों को कमला हैरिस ने किए फोन्स की वजह से बायडेन की क्षमता का मुद्दा फिरसे चर्चा में है। इसी बीच, राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने एक समाचार चैनल ने आयोजित किए कार्यक्रम में यह बयान किया था कि, हमारे लिए वाईट हाऊस में रहना यानी सोने के पिंजरे में रहने जैसा है।

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