वाहन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी की तरफ से ‘इलेक्ट्रिक कार्स’ में १०० अरब डॉलर्स से अधिक निवेश

डेट्राईट / बर्लिन / टोकियो: अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर कच्चे तेल के दाम ७० डॉलर्स पर छलांग लगा रहे हैं, ऐसे में विश्वस्तर की प्रमुख वाहन निर्माण करने वाली कंपनियां ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ के क्षेत्र में बहुत ज्यादा निवेश कर रहीं हैं। अमरिका के डेट्रॉइट शहर में चल रहे गाड़ियों की प्रदर्शनी की पृष्ठभूमि पर यह जानकारी सामने आई है। अंतर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्था और विशेषज्ञों ने दी जानकारी के अनुसार, ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ के लिए लगभग १०० अरब डॉलर्स से अधिक निवेश की घोषणा की गई है।

दुनिया की प्रमुख वाहन निर्माण कंपनियों के तौर पहचानी जाने वाली कंपनियां ‘फोर्ड’, ‘जनरल मोटर्स’, ‘टोयोटा’, ‘फोक्सवॅगन’, ‘निस्सान’ और ‘डेमलर’ जैसी कंपनियों ने अगले पांच वर्षों में १०० से अधिक ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ के मॉडल्स बाजार में उतारने का निर्णय लिया है। अमरिका की ‘फोर्ड’ कंपनी ने डेट्रॉइट में हुए प्रदर्शनी में बिजली पर चलने वाली गाड़ियों के लिए करीब ११ अरब डॉलर्स का निवेश करने की घोषणा की है। यह घोषणा करते समय २०२२ तक पूरी तरह से  ‘इलेक्ट्रिक’ पर चलने वाली १६ गाडियां बाजार में उतरने का उद्दिष्ट होने की घोषणा की है।

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‘हम पूरी ताकत से इस क्षेत्र में उतर रहे हैं। वर्तमान में हमारी तरफ से बनाई जाने वाली प्रमुख मॉडल्स की इलेक्ट्रॉनिक आवृत्तियों की निर्मिती की जाएगी। अगर इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों के क्षेत्र सफल होना है तो वर्तमान में सफल गाड़ियों का इस्तेमाल करके आगे जाना महत्वपूर्ण साबित होगा’, इन शब्दों में ‘फोर्ड’ के प्रमुख बिल फोर्ड ने ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ का निर्माण शुरू करने की घोषणा की है। २०२० में कंपनी की पहली गाडी बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी, ऐसे संकेत ‘फोर्ड’ के ‘ग्लोबल मार्किट प्रेसिडेंट’ जिम फार्ले ने दी है।

‘फोर्ड’ के साथ साथ ‘डॅमलर’ इस जर्मनी की प्रमुख कंपनी ने भी करीब १२ अरब डॉलर्स का निवेश करने की घोषणा की है और १० पूरी तरह से ‘इलेक्ट्रिक’ पर चलने वाली गाड़ियों का निर्माण करने की घोषणा की है। जर्मनी की ‘फोक्सवॅगन’ कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक कार्स के क्षेत्र में करीब ४० अरब डॉलर्स का निवेश करने की घोषणा की है और यह इस क्षेत्र में सबसे बड़ा निवेश करने वाली कंपनी साबित हुई है। ‘फोक्सवॅगन’ ने अब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर करीब ३०० गाड़ियाँ बाजार में उतारी हैं और उन सभी गाड़ियों का ‘इलेक्ट्रॉनिक मॉडल’ तैयार करने का उद्दिष्ट कंपनी ने रखा है।

अमरिका और यूरोप की कंपनियों की तरह जापान, चीन और भारत की कंपनियों ने भी ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ के क्षेत्र में निवेश करने के संकेत दिए हैं। जापान की ‘टोयोटा’ कंपनी ने लगभग १३ अरब डॉलर्स का निवेश करने का निश्चित किया है। ‘निस्सान’, ‘होंडा’, ‘मित्सुबिशी’, ‘सुझुकी’, जैसी कंपनियों ने १० अरब डॉलर्स से अधिक निवेश करने के बारे में विविध अनुबंध करने की और योजना बनाने की घोषणा की है। चीन की ‘बीवायडी’ और ‘कैंडी टेक्नॉलॉजीज’ और भारत की ‘टाटा मोटर्स’, ‘महिंद्रा’ व ‘मारुती’ कंपनियों ने ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ के क्षेत्र में बड़ा निवेश करने के इरादे जाहिर किए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय वाहन निर्माण के क्षेत्र में प्रमुख कंपनियों ने घोषित किए प्रचंड निवेश के पीछे एलोन मस्क की ‘टेसला’ कंपनी को मिली सफलता और प्रसिद्धि यह एक पामुख कारन माना जा रहा है। अब तक ‘टेसला’ कंपनी ने पूरी तरह से ‘इलेक्ट्रिक’ पर चलने वाले चार मॉडल्स बाजार में उतारे हैं और सन २०१७ में करीब करीब एक लक्ष से अधिक गाड़ियों की बिक्री हुई है।

पिछले साल भर में चीन, ब्रिटेन, फ़्रांस और भारत जैसे प्रमुख देशों ने २०१५ से २०३० साल तक वर्तमान में इस्तेमाल किए जाने वाले ‘खनिज इंधन’ के गाड़ियों के इस्तेमाल को बंद करने की नीति घोषित की थी। ‘टेसला’ की सफलता के साथ साथ दुनिया के प्रमुख देशों ने घोषित की हुई यह नीति भी ‘इलेक्ट्रॉनिक कार्स’ के क्षेत्र में बडे निवेश के पीछे प्रमुख कारन माना जा रहा है।

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