आपाद स्थिति में संपर्क स्थापित करने के लिए उत्तराखंड़ ने किया ‘क्यूडीए’ यंत्रणा का निर्माण

देहराडून – आपाद स्थिति के दौरान उत्तराखंड़ के दुर्गम इलाकों में संपर्क स्थापित रहे इसलिए उत्तराखंड़ ने ‘क्विक डिप्लॉयबल ऐंटिना’ (क्यूडीए) संपर्क यंत्रणा का निर्माण किया गया है। ‘क्यूडीए’ के ज़रिये सैटेलाईट के माध्यम से संपर्क करना संभव होगा। ‘क्यूडीए’ पर आधारित संपर्क यंत्रणा निर्माण करनेवाला उत्तराखंड़ देश का पहला राज्य है।

uttarakhandउत्तराखंड़ की सीमा चीन और नेपाल से जुड़ी है और इस सरहदी क्षेत्र में चीन की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। यहां के दुर्गम इलाकों में भारतीय दूरसंचार यंत्रणा का नेटवर्क उपलब्ध ना होने से इस क्षेत्र के गांववाले नेपाली दूरसंचार कंपनियों के सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, यह बात कुछ महीने पहले सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर उत्तराखंड़ सरकार ने निर्माण की हुई ‘क्यूडीए’ संपर्क यंत्रणा की अहमियत रेखांकित होती है।

उत्तराखंड़ के मुख्यमंत्री ने इस यंत्रणा का उद्घाटन किया। ‘क्यूडीए’ यंत्रणा का इस्तेमाल आपाद स्थिति में अर्धसैनिक बल एवं ‘एनडीआरएफ’ की टीमें करती हैं। देश में पहली बार एक राज्य ने इस यंत्रणा का निर्माण करने से इसकी अहमियत बढ़ती है। नेटवर्क और अन्य संपर्क साधनों की समस्या से जूझ रहे दुर्गम इलाकों में ‘क्यूडीए’ यंत्रणा फायदेमंद साबित होगी। उत्तराखंड़ में आपाद स्थिति निर्माण होने पर ‘क्यूडीए’ यंत्रणा की सहायता से वॉईस और वीडियो कॉल्स करना संभव होगा। साथ ही आम तौर पर जहां सिग्नल्स नहीं पहुँचते, वहां से भी यह यंत्रणा ‘डेटा ट्रान्सफर’ करने की क्षमता रखती है।

‘स्टैटिक आणि मोबाईल ऐसे दो तरह की यंत्रणा होती है। ‘स्टैटिक क्यूडीए’ देहराड़ून के स्टेट डिज़ास्टर मैनेजमेंट ऑथॉरिटी में और अन्य प्रमुख जगहों पर स्थापित की जाएगी। तभी ‘मोबाईल क्यूडीए’ हेलिकॉप्टर की सहायता से आपादस्थानों पर पहुँचाकर स्थापित करना संभव होगा। इस ‘क्यूडीए’ यंत्रणा का परीक्षण सफल होने की जानकारी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने साझा की। साथ ही संपर्क स्थापित ना होनेवाले इलाकों में २४८ सैटेलाईट फोन्स का वितरण किया गया है। इन सैटेलाईट फोन्स के माध्यम से आपादस्थिति में और आपातकाल में मोबाईल कनेक्टिवीटी के अलावा दुर्गम इलाकों की जनता से संवाद स्थापित करने में आसानी होगी।

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