अनाज़ के पैकिंग के लिए ‘ज्यूट बैग’ का इस्तेमाल सरकार ने किया अनिवार्य

नई दिल्ली – गुरूवार के दिन हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन अहम निर्णय किए गए। इस दौरान देश में अनाज़ की पैकिंग के लिए ‘ज्यूट बैग’ का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही इथेनॉल की कीमत तय करने के साथ ही बाँध प्रकल्पों के पुनर्वास एवं सुधार (डीआआयपी) के दूसरे एवं तीसरे स्तर को मंजूरी दी गई है।

‘ज्यूट बैग’

ज्यूट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अहम निर्णय किया है। अनाज़ की १०० प्रतिशत पैकिंग और शक्कर की २० प्रतिशत पैकेजिंग ज्यूट बैग में करना सरकार ने अनिवार्य किया है। इस निर्णय से संबंधित क्षेत्र के ३.७ लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। साथ ही ३८ लाख किसानों को भी इस निर्णय से लाभ होगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। इसी बीच ज्यूट की आपूर्ति कम होती है तो इस निर्णय के नियमों से राहत प्रदान की जाएगी, यह बात भी स्पष्ट की गई है।

मंत्रिमंडल की बैठक में बाँधों की रक्षा एवं दुरुस्ती के लिए तैयार की गई योजना के दूसरे एवं तीसरे चरण को मंजूरी दी गई है। इन प्रकल्पों में देश के चुनिंदा ७३६ बाँधों पर करीबन १०,२११ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके तहत मौजूदा बाँधों में नई तकनीक से सुधार किए जाएंगे।

इसी के साथ ‘इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल’ (ईबीपी) के तहत गन्ने से तैयार होनेवाले उच्च दर्जे के इथेनॉल की कीमत तय की गई है। गन्ने से तैयार होनेवाले इथेनॉल की कीमत प्रति लीटर ५९.४८ रुपये थी। इसे बढ़ाकर अब ६२.६५ रुपये की गई है। सरकार इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम चला रही है। इसमें र्इंधन कंपनियों को १० प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री की अनुमति है। सरकार के इस निर्णय से शुगर मिल्स को लाभ होगा और इससे वे किसानों का बकाया चुका सकेंगे।

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