अमरीका ताइवान को स्वसुरक्षा के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करेगी – पेंटॅगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय

taiwan-us-cooperationवॉशिंग्टन – ‘इससे पहले के अमरीका के प्रशासनों की तरह ही बायडेन प्रशासन भी, ताइवान को स्वसुरक्षा के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। ताइवान की रक्षा विषयक क्षमता मज़बूत बनाने के लिए आवश्यक लष्करी सहायता की आपूर्ति की जाएगी’, ऐसी घोषणा अमरीका के पेंटॅगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने की। लेकिन ताइवान को सहायता का आश्वासन देते समय, ‘वन चाइना पॉलिसी’ को अमरीका का समर्थन होने की महत्वपूर्ण घोषणा भी किरबाय ने की है। चीन की यह नीति मान्य होने का ऐलान करके पेंटॅगॉन ने ताइवान को झटका दिया सामने आ रहा है।

पिछले हफ्ते जापान के प्रधानमंत्री होशिहिदे सुगा ने अमरीका का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन से भेंट की थी। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती चली जा रही आक्रामकता की पृष्ठभूमि पर, दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई। इसमें ‘ईस्ट और साऊथ चाइना सी’, सेंकाकू द्विपसमूह के विवाद के साथ ही जापान के प्रधानमंत्री ने ताइवान, हॉंगकॉंग, झिंजियांग इन मुद्दों पर भी चर्चा की। लेकिन जापान के प्रधानमंत्री ने ताइवान के मुद्दे पर की चर्चा यह सबसे गौरतलब घटना साबित हुई थी।

ताइवान की खाड़ी में शांति और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण होने की बात प्रधानमंत्री सुगा ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कही थी। पिछले ही हफ्ते चीन के २५ विमानों ने ताइवान की हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी। इस पृष्ठभूमि पर, पिछले पाँच दशकों में पहली ही बार जापान के प्रधानमंत्री ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष के साथ की हुई चर्चा में, ठेंठ ताइवान का किया उल्लेख गौरतलब साबित हुआ था।

इस संदर्भ में जापान के न्यूज़ चैनल ने पेंटॅगॉन के प्रवक्ता जॉन किरबाय से प्रश्न पूछा। ताइवान की खाड़ी में शांति और स्थिरता स्थापित करने के लिए अमरीका और जापान निश्चित रूप में क्या भूमिका अपनायेंगे, ऐसा जापान के पत्रकार ने पूछा। उस पर, ताइवान के मुद्दे पर कुछ बात करने से पहले, ‘चीन की ‘वन चाइना पॉलिसी’ को अमरीका का समर्थन है’, ऐसा किरबाय ने शुरुआत में ही घोषित कर दिया।

taiwan-us-cooperationचीन की इस ‘वन चाइना पॉलिसी’ में, ताइवान यह अलग देश ना होकर वह चीन का ही भूभाग है, ऐसा स्पष्ट रूप में कहा गया है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने इस ‘वन चाइना पॉलिसी’ को चुनौती दी थी। लेकिन बायडेन प्रशासन वैसा नहीं करेगा, ऐसा संदेश किरबाय दे रहे हैं। चीन के लड़ाकू विमान और युद्धपोत ताइवान की सीमा में बार-बार घुसपैठ कर रहे हैं और चीन बार बार युद्धाभ्यास करके ताइवान को खौफ में रख रहा है। ऐसी परिस्थिति में बायडेन प्रशासन ने ‘वन चाइना पॉलिसी’ का पुरस्कार करके ऐसे संकेत दिए हैं कि वह चीन के विरोध में जाने के लिए तैयार नहीं है। यदि चीन ने हमला किया तो अमरीका ताइवान की रक्षा नहीं करेगी, बल्कि केवल ताइवान की रक्षा के लिए सहायता करेगी, ऐसा छुपा संदेश भी किरबाय के बयान द्वारा दिया जा रहा है।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन चाहे चीन के विरोध में कठोर भूमिका अपनाने के कितने भी दावे करें, फिर भी वे चीन के विरोध में ठोस कार्रवाई नहीं करेंगे, ऐसा शक कुछ जिम्मेदार विश्लेषक ज़ाहिर करते आए हैं। उसका पूरा लाभ चीन जैसा मतलबी देश उठा रहा है। इस कारण फिलहाल तो ताइवान स्वसुरक्षा के लिए अमरीका पर निर्भर नहीं रह सकेगा, ऐसा ही दिखाई देने लगा है। लेकिन जापान और इस क्षेत्र के अन्य देशों ने, ताइवान के समर्थन में दृढ़तापूर्वक खड़े रहने की तैयारी की होकर, इन देशों ने चीन के विरोध में बनाया नया मोरचा, यह चीन के सामने खड़ी नई चुनौती साबित हो सकती है।

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